पेट की तकलीफों में असरकारी
अनार के रस में बैक्टीरिया को मारने की शक्ति होती है इसलिए अनार का रस पीने से पेट के रोग पेट के रोग, अपच, गैस, कब्ज व अन्य कई तकलीफों से तुरन्त आराम मिलता है। साथ ही इसके नियमित सेवन से धमनियां भी ठीक रहती है।
बढ़ते वजन को कम करें
अनार में कई प्रकार के स्वास्यवर्धक गुण पाए जाते है, वजन घटाना इनमें से एक प्रमुख गुण है। अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं तो अनार का सेवन करें। अनार में कैलोरी भरपूर मात्रा में होती है। इसमें फैट नहीं होता परन्तु फाइबर, विटामिन-सी, पोटेशियम, मिनरल फास्फोरस तथा मैग्नीशियम बहुत अधिक मात्रा में मिलता है। अगर आप भूख ज्यादा लगने की समस्या से परेशान है तो अनार आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। अनार में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है जो शरीर को हाइड्रेट करती है। जिससे भूख का अहसास कम होता है और आप बेवजह नहीं खाते हैं। जिस से आपको वजन कम करने में बहुत मदद मिलती हैं।
याददाश्त को बढ़ाए
एक शोध की रिपोर्ट के अनुसार, नियमित रूप से अनार के जूस का एक गिलास पीने से 30 से 40 वर्ष के अधेड उम्र के लोग और बुजुर्ग अपनी याददाश्त को बेहतर बना सकते है। अनार जूस याददाश्त को बेहतर करने के लिए अत्यंत कारगर है। अनार के जूस से याददाश्त में बेहतरी होने के अलावा अनार को एक बेहतर ब्रेन टोनिक भी माना जाता है।
एनर्जी बूस्टर है अनार
अनार में एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। यह शरीर में एनर्जी के स्तर को बढ़ाता है। जिससे व्यक्ति थका हुआ महसूस नहीं करता है और वह ज्यादा एक्टिव हो जाता है इस तरीके से वह ज्यादा वर्कआउट कर सकता है।
मस्तिष्क के लिए फायदेमंद
अनार के जूस में न्युरो-प्रोटेक्टिव गुण पाए जाते है। ब्रेन की सेहत के लिए बेहतरीन होता है। इसके लगातार सेवन करने से ब्रेन हैमरेज जैसी घातक समस्याएं होने की संभावनांए कम हो जाती है। माना जाता है कि ब्रेन से जुडी समस्याओं से ग्रस्त रोगियों को अनार का जूस जरूर पीते रहना चाहिए। इसके अलावा यह एलजाइमर रोग में भी यह फायदा करता है।
उम्र के असर को करें बेअसर
स्पेन की प्रोबेल्टबायो लेबोरेटरी के अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, अनार उम्रदराज होने की प्रक्रिया को धीमा करता है। अध्ययन में यह भी साबित हुआ है कि अनार के नियमित सेवन से डीएनए ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया धीमी पड़ सकती है। जिससे की उम्र का असर जल्दी दिखाई नहीं देता है।
आयरन की कमी को दूर करें
अनार रक्त में आयरन की कमी को दूर करता है और एनीमिया जैसी बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। इसके अलावा प्रतिदिन अनार का जूस पीने से शरीर में रक्त का संचालन अच्छी तरह से होता है।
दांतों को मजबूत बनाएं
अनार खाने से दांतो संबंधी समस्याओं से भी निजात पाया जा सकता है। साथ ही अनार का इस्तेमाल मंजन के तौर पर भी किया जा सकता है। इसके लिए अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीस लेते हैं। इसे मंजन की तरह दिन में 2 या 3 बार दांतों में मलने से दांतों से खून आना बंद होकर दांत मजबूत हो जाते हैं।
त्वचा में निखार लाएं
अनार रक्तवर्धक होने के कारण रक्त के संचार को बढ़ता है। रक्त का संचार बढ़ने से त्वचा में निखार आता है औ त्वचा चिकनी बनती है। इसलिए स्वस्थ त्वचा पाने के लिए अनार का सेवन नियमित रूप से करें।
खुनी दस्त एवं आंव में।
अनारदाना, सौंफ, धनिया तीनो बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण कर ले, 2 ग्राम इस चूर्ण में १ ग्राम मिश्री मिलकर दिन में चार बार लेने से खुनी दस्त एवं खुनी आंव में आराम मिलता हैं।
संग्रहिणी रोग में।
अनार की पत्ती ५ ग्राम तथा काला जीरा ३ ग्राम लेकर इनको पीसकर दिन में तीन बार देने से संग्रहिणी, आंव आदि नष्ट होते हैं। ये जो लिखा हैं ये एक खुराक हैं।
बवासीर रोग में।
५० ग्राम अनारदाना में १०० ग्राम गुड मिलाकर चूर्ण कर ले, इस चूर्ण को एक एक चम्मच दिन में तीन बार लेने से बवासीर, अजीर्ण, अतिसार आदि नष्ट होते हैं। चूर्ण बनाने हेतु दोनों की कुछ अधिक मात्रा पहले लेकर सुखा ले। खुनी बवासीर में अनार फल के छिलको का चूर्ण १ चम्मच दिन में तीन बार लेने से खुनी बवासीर में लाभ होता हैं।
मस्से वाली बवासीर।
अनार के पत्तो को पीसकर टिकिया बनाये। इन्हे घी में भूनकर अर्श के मस्सो पर बाँधने से बवासीर के मस्से नष्ट होते हैं। अनार के छिलको की राख जल में घोलकर गुदा प्रक्षालन करना भी यही कार्य करता हैं।
बहुमूत्र और प्रमेह रोग में।
अनार की कली, कत्था, मिश्री बराबर मिलाकर एक दिन में दो बार लेने से आराम हो जाता हैं। इस हेतु अनार की कलियों को सुखाकर चूर्ण बना ले। इस चूर्ण की एक ग्राम मात्रा में एक एक ग्राम कत्था एवं मिश्री का चूर्ण मिला कर ले।
जी मिचलने और अधिक प्यास लगने पर।
अधिक प्यास लगने एवं जी मिचलने की स्थिति में अनार के र
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