Wednesday, May 1, 2019

आसानी से बाथरूम साफ़ करने के तरीके। बेकिंग सोडा के उपयोग 

गर आप अपने बाथरूम की सफ़ाई के लिए, हानिकारक केमिकल्स का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं, तो इसका सबसे आसान और कारगर उपाय है आपके ही किचन में रखा बेकिंग सोडा! यह न केवल किफ़ायती है बल्कि एकदम सुरक्षित भी। बेकिंग सोडा की सबसे ख़ास बात तो ये है की एसिड और फ़िनाइल की अपेक्षा इसे आप किसी भी तरह की सतह पर इस्तेमाल कर सकते हैं वो भी बिना किसी नुक्सान के। तो आइए देखते हैं, किस प्रकार बेकिंग सोडा और गर्म पानी से आप एक चमचमाता बाथरूम पा सकते हैं।


१) टॉयलेट के लिए


टॉयलेट बोल में दाग लगना बहुत आम बात है पर इसका आसान इलाज है- बेकिंग सोडा। टॉयलेट में थोड़ा बेकिंग सोडा डालकर कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। बाद में, उसमें विनेगर डाल कर ब्रश से साफ़ कर लें। इससे दाग भी दूर हो जाएंगे और टॉयलेट में बदबू भी नहीं आएगी।


२) शावर स्टॉल और काँच के लिए


बेकिंग सोडा में पानी मिलाकर उसका पेस्ट बना लें। अब काँच की गीली सतह पर इस पेस्ट को स्पंज या मुलायम ब्रश से मलें। बाद में साफ़ पानी से धो लें। इससे काँच पर जमे साबुन और पानी के दाग छूट जाएँगे। ये तकनीक आप अपना बाथटब साफ़ करने के लिए भी प्रयोग कर सकते हैं।


३) फ़्लोर और टाइल्स के लिए


बाथरूम के फ़र्श से काई या किसी भी प्रकार की फ़ंगस से निजात पाने के लिए, बेकिंग सोडा और पानी का पेस्ट बनाएं। इसके लिए 3 कप सोडा में 1 कप गर्म पानी मिलायें और इस पेस्ट को किसी ब्रश या कपडे से फ़र्श पर अच्छी तरह फ़ैला लें। कुछ घंटों बाद पानी से धो लें। आपकी टाइल्स दोबारा नई जैसी चमकने लगेंगी।


४) ब्लॉक नाली के लिए


नालियों को ब्लॉक होने से बचाने का सबसे आसान तरीका है बेकिंग सोडा। हफ़्ते में एक बार पौना कप बेकिंग सोडा गर्म पानी के साथ नाली में डाल दें। यह उन्हें ब्लॉक नहीं होने देगा। पहले से ब्लॉक नाली को खोलने के लिए बेकिंग सोडा के साथ नींबू के रस और विनेगर का इस्तेमाल किया जा सकता है।


तो अगली बार जब आप किराना लेने जाएँ, तो याद से बेकिंग सोडे का बड़ा पैक लें क्यूँकि अब आपको सोडा सिर्फ़ बेकिंग के लिए नहीं लगेगा!


अपने बाथरूम को साफ़ रखना काफ़ी मेहनत का काम है। बाथरूम से आने वाली बदबू आपको मेहमानों के सामने शर्मिंदा कर सकती है। आम तौर पर हम आसान सफ़ाई और बदबू के लिए बाज़ार में मिलने वाले एजेंट्स ही खरीदते हैं, लेकिन आपके ही घर में मौजूद इन चीज़ों के इस्तेमाल से आप हर तरह की बदबू को हरा कर एक महकता बाथरूम पा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे -

१)अल्कोहल और एसेंशियल ऑइल

तीन कप पानी में एक कप अल्कोहल मिला कर 10 से 15 बूँद एसेंशियल ऑइल डाल दें। इसके लिए आप नीलगिरि, चंदन या कोई भी खुशबू वाला तेल ले सकते हैं। इसका घोल बना कर एक स्प्रे बोतल में भर लें। इसे समय समय पर बाथरूम में छिड़कते रहें, बदबू नहीं आएगी।

२) विनेगर

बेकिंग सोडा में नीम्बू का रस मिला कर एक पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को अच्छी तरह बाथरूम के फर्श और टॉयलेट बोल में लगा दें। कुछ देर रखने के बाद इसपर थोड़ा विनेगर छिड़कें और छरछराने दें। बाद में साफ़ पानी से धो दें। इससे न केवल बदबू बल्कि दाग-धब्बों से भी छुटकारा मिलेगा।

३) टॉयलेट बोल

अगर टॉयलेट बोल को अच्छी तरह से साफ़ नहीं किया जाए तो उसमें से काफ़ी बदबू आ सकती है। इसकी आसान सफ़ाई के लिए, बोल में एक कप विनेगर डालें और ब्रश से साफ़ करके टॉयलेट फ्लश कर दें। आवश्यकता हो तो इस प्रक्रिया को दोहराया जा सकता है।

४) वेंटिलेशन

किसी भी प्रकार की बदबू से लड़ने का सबसे आसान तरीका है सही वेंटिलेशन। ताज़ी हवा के बहाव से ही बदबू काफ़ी हद्ध तक कम हो जाती है। यदि बाथरूम में एग्जॉस्ट फैन हो तो हर बार बाथरूम के प्रयोग के बाद उसे चालू कर देना चाहिए अन्यथा बाथरूम के खिड़की दरवाज़े खुल्ले रखने चाहिए। इस्तेमाल के बाद बाथरूम को सूखा रखें। गीले बाथरूम में काई और बैक्टीरिया पनपने से भी बदबू आ सकती है।

इन छोटे-छोटे नुस्खों से आप अपने बाथरूम को खुशबूदार बनाए रख सकते हैं, वो भी बिना ज़्यादा खर्चा किये।

Thursday, April 4, 2019

Ramji ka jnmdin

🙏�🙏�💐🎂💐🙏�🙏�
राम जिनका नाम है, अयोध्या
जिनका धाम है,
ऐसे रघुनंदन को,
बारम्बार प्रणाम 🙏�
आपको और आपके परिवार
को राम नवमी की हार्दिक
शुभकामनाएं!
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
H@ppy   Birthday
नव दीप जले 🎆
नव फ़ूल खिलें 🌺
नित नई बाहर मिले।
🙏� रामजी  के 🙏�
जन्मदिन के इस पावन अवसर पर
सेईवाल परिवार की और से
हार्दिक शुभकामना
Happy birthday to Ramji
💐💐🌺🎂🌺💐💐
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

Tuesday, October 9, 2018

जन्मदिन शुभकामनाएं

🌹Happy birthday 🌹

🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈

🍧🎂🎂🎂🎂🎂🍧


बाबुल का आंगन छोड़ कर आई थी जिनके साथ 
किसी अजनबी शख्स ने थामा था मेरा हाथ 
परायों के बीच भी था मेरा कोई अपना 
 जिनके संग बुनती नहीं हर सुनहरा सपना 
मेरी अल्हड सी अदाओं के है वो दीवाने
मानो सदियों से है मुझसे जाने पहचाने
       मेरी छोटी सी छोटी बात का रखते हैं  खयाल 
      नाराजगी भरा चेहरा देखकर करते ढेरों सवाल 
बेसब्री से करती हूं जिनके आने का इंतजार 
थोड़ी सी भी देर हो जाने पर दिल हो जाता है बेकरार 
      प्यारीसी बात को लेकर मुझे जानबूझकर चिढ़ाना 
   मेरी हर गलतियों को प्यार से सुलझाना 
जिनके बिना विरानी लगती है जीवन डगर
वो  हैं मेरे प्यारे हमसफर... हमसफर...

निभाये है हमने हमेशा किए जो एक दूजे से वादे 


सुकून देती है दिल को बीती हुई चंद मधुर यादें


 जिंदगी में सदैव मिली है मुझे आपकी प्रेरना


 हर चुनौती से निपटने की जगाई है मुझ में नवचेतना 


जीवन के हर क्षण खुदा भी रहे हम पर मेहरबां


 हंसी खुशी से बितता रहे हमारे जिंदगी का कारवां 


 पल - पल था जिसका इंतजार वह आया है दिन 


 साथी मुबारक हो आपको जन्मदिन


 यह जन्मदिन लाए आपके जीवन में खुशहाली 


दमकती रहे आपकी जिंदगी में मेरे प्यार की लाली।

      जन्मदिवस की कोटि कोटि शुभकामनाएं

    🌹🌹Happy birthday Big Boss 💕🥞🍿

Saturday, August 11, 2018

गायत्री साधना मंत्र

प्रश्न - *दी, मैं एक विद्यार्थी हूँ एवम गायत्री साधना विधि जानना चाहता हूँ। मैं तन और मन से स्वस्थ रहना चाहता हूँ। मुझे हमेशा निगेटिव विचार आते रहते हैं, कृपया मेरा मार्गदर्शन कीजिये*

उत्तर - प्रिय छोटे आत्मीय भाई, तुम्हारे जैसे युवा हमारे देश का गौरव हैं, जो इतनी छोटी उम्र में मन के स्वास्थ्य को लेकर गम्भीर है।

बेटे, मन के पास स्वर्ग और नर्क दोनों की सीढ़ी होती है। मन से बड़ा कोई मित्र नहीं और मन से बड़ा कोई शत्रु नहीं। मन को स्वस्थ रखने के लिए इस पर सवारी करना सीखना होगा, जिससे तुम अपने मन की समस्त शक्तियों को केंद्रित करके अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त कर सको।

*गायत्री मंत्र - एक जीवनी शक्ति को बढ़ाने वाला और मन को साधने वाला मन्त्र है। जिस प्रकार गणित में फ़ार्मूले से सवाल हल करने में मदद मिलती है, वैसे ही जीवन की समस्याओं को हल करने में गायत्री मंत्र में जप मिलती है। गायत्री मंत्र द्वारा हम प्राणऊर्जा को स्वयं के भीतर आकर्षित करते हैं।यह हमारे शरीर के 24 मुख्य ऊर्जा केंद्र और 72 हज़ार नाड़ियों में प्राण भरता है।*

गायत्री मंन्त्र द्वारा शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य और मनोबल बढ़ाने, प्राणवान साधक बनने से पहले कुछ प्रश्न स्वयं से कीजिये:-

*पहले स्वयं से प्रश्न कीजिये मैं कौन हूँ? क्या ये शरीर मैं हूँ? मेरे शरीर पर मेरा कितना नियंत्रण है?*

उत्तर में आपको पता चलेगा कि जिस शरीर को आप अपना कह रहे हो, वास्तव में उसे तो आपने बनाया नहीं, माता-पिता ने बना के दिया, साथ ही जिस अन्न-जल से यह शरीर मे विकास हो रहा है वो अन्न भी हम नहीं है। आप तो किराएदार हो, एक न एक दिन यह शरीर रूपी घर छूट जाएगा, जैसे हमारे पूर्वजों का छूट गया।

अब जो शरीर आपको मिला, उसके भी अंग प्रत्यंग आपके नियंत्रण में नहीं, 95% शरीर स्वतः कार्य कर रहा है, प्रकृति के कंट्रोल में... न श्वांस लेना आपके हाथ मे है न पाचन आपके हाथ मे है...न हृदय की धड़कन आपके हाथ मे है...

अब मन जो कि आपका हिस्सा है, वो भी आपके हाथ मे नहीं। सोचो एक घण्टे भी विचारशून्य मौन होकर बैठ नहीं सकते, साथ ही शरीर को भी बिना हिले डुले एक घण्टे स्थिर रख सकते हो।

न तुम शरीर हो और न ही तुम मन हो, तुम वह चेतना या जिसे आत्मा भी कहते है वो हो, जो यह शरीर और मन को उपयोग में ले रही है। तो मन पर तो इस चेतना का राज होना चाहिए, फिर मन की गुलामी क्यों हो रही है? हमारा मन जो चाहता है हम वो क्यों करते हैं?

*हम सभी मनुष्य को प्रत्येक क्षण चयन करना पड़ता है दो मार्गों के बीच-  1- श्रेय मार्ग(Best for me) और 2- प्रेय मार्ग(I love to do it)*

उदाहरण - सुबह उठना, नित्यकर्म करना, स्कूल जाना, पढ़ना, योग-व्यायाम, स्वाध्याय, समय पर स्वास्थ्यकर भोजन और समय पर खेलना और समय पर सोना बच्चे के लिए श्रेय मार्ग (best for his future) है। लेकिन मन को यह बन्धन पसन्द नहीं।

और  देर से सो कर उठना, घण्टों टीवी में कार्टून इत्यादि देखना, मस्ती करना, आलस्य करना, जंक फूड खाना इत्यादि प्रेय मार्ग(he love to do it) है, मन को यही उन्मुक्त बन्धन रहित जीवन पसन्द है। लेकिन इससे बच्चे का आगे कोई फ्यूचर नहीं बनने वाला।

बड़े होकर ही जब उसे अपनी रोजी रोटी कमानी पड़ेगी, बुद्धि मैच्योर होगी, तो उसे श्रेय मार्ग के महत्त्व का अहसास होगा और वो कैरियर और सेहत बनाने के लिए माता पिता को धन्यवाद देगा। लेकिन बचपन और नासमझी में तो मन ही मन मांता-पिता को स्कूल जबरन भेजने हेतु गाली ही दे रहा होगा।

*प्रिय भाई, मन को नियंत्रण में लाने के लिए मन को शुभ संकल्पों से बांधते हैं। 👉🏼अपने मन को श्रेय मार्ग में ले जाने के लिए अतिरिक्त बल की चेतना(आत्मा) को आवश्यकता होती है, इसीलिए वो अतिरिक्त आत्मबल हम गायत्री उपासना द्वारा संग्रहित करते हैं।*

*मन की अच्छी प्रोग्रामिंग के लिए* पहले जैसा कि मैंने ऊपर बताया एक शुभ सङ्कल्प से बांधना है, वो शुभ सङ्कल्प गायत्री मंत्र में ही छुपा है, जो इस प्रकार है, इसे लिख के एक कागज पर्स में रख लो, एक अपने घर की दीवार में चिपका दो, एक अपने फ्रिज के दरवाजे पर लगा दो। ऐसा श्रेष्ठ तुम्हें हर हालत में बनना है, यही तुम्हारा शुभ सङ्कल्प है:-

*मैं प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा का पुत्र हूँ अंश हूँ, अतः जिस प्रकार राजा का बेटा राजकुमार होता है उसी तरह मैं प्राणवान, दुःख बंटाने वाला, सुख बांटने वाला, आत्मीयता बढ़ाने वाला, श्रेष्ठ, तेजस्वी, अनीतियों से लोहा लेने वाला, देवस्वरूप सफल और समर्थ व्यक्ति बनूँगा। स्वयं भी श्रेय मार्ग-सन्मार्ग पर चलूंगा और लोगों को भी सन्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करूंगा।*

*अब सबसे पहले एक कैरियर का लक्ष्य चुनो,  एक To do List बनाओ कि मेरे उज्ज्वल भविष्य, अच्छी सेहत, स्वस्थ मन के लिए क्या क्या जरूरी है। टाइम टेबल बना कर उस पर अमल शुरू कर दो।*

भाई ग्रेजुएट होने में भी 16 वर्ष पढ़ना पड़ता है तो इस प्रोसेस में भी 3 वर्ष का समय लगेगा ही। 3 वर्ष में मन की प्रोग्रामिंग पूरी हो जाएगी, तुम मन के शासक बन जाओगे। मन तुम्हे कभी गुलाम नहीं बना पायेगा:-

1--रोज़ कम से कम आधा घण्टा बिना हिले डुले बैठने का प्रयास करें, धीरे धीरे यह समय बढ़ाये और एक घण्टे तक स्थिर बैठें।

2- एक दिन में 324 मंन्त्र अर्थात तीन माला उगते हुए सूर्य का ध्यान कर जपना होता है। एक स्वयं के लिए, एक परिवार के लिए और एक राष्ट्र के कल्याण के लिए जपा जाता है।

3- जब बिना हिले आधे घण्टे बैठने का अभ्यास सध जाए तो अपनी आती -जाती श्वांस पर ध्यान केंद्रित करें। भावना करो कि सूर्य की किरणें तुम्हारे अंदर प्रवेश कर तुम्हे प्रकाशित कर रही है। फिर स्वयं को सूर्य में विलीन हुआ सोचो, अब तुम और सूर्य एक ही हो। अब सूर्य ही तुम हो।

4- नित्य उगते हुए बाल सूर्य का ध्यान करते हुए नेत्र बन्द, कर्ण बन्द, मुंह बंद करके पूरी तरह विचार शून्य होकर आधे से एक घण्टे बैठ जाएं।

5- प्रत्येक रविवार या गुरुवार को केवल दो समय ही लहसन प्याज के बिना भोजन कर व्रत रखें। यदि एक समय फलाहार और एक समय भोजन लेकर करें तो और अच्छा है।

*यज्ञ हेतु* - दो कटोरी ले लो, एक खाली और दूसरे में जल भरा हो। रविवार के  दिन 24 गायत्री मंत्र, 11 सूर्य गायत्री मंत्र और 5 महामृत्युंजय मंत्र जप कर आहुति दें, अर्थात खाली कटोरी में एक एक मंन्त्र के साथ जल डालते जाएं। यदि पास में कोई गायत्री शक्तिपीठ हो तो अग्नि वाला यज्ञ वहां कर लें।

6- सप्ताह में एक दिन कम से कम दो घण्टे का मौन रखें। न कुछ बोलें और न कुछ सोचें। इससे प्राणबल बढ़ेगा।

7- जिस माह प्रत्येक दिन बिना कुछ सोचे, बिना कुछ बोले, नेत्र बन्द कर, बिना हिले डुले शांत होकर आधे से एक घण्टे का ध्यान कर लेंगे। उसी दिन मन पर नियंत्रण सिद्ध हो जाएगे, आप ज्ञानी बन जाएंगे। फ़िर आप मन की शक्ति से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकोगे। सब आपके ज्ञान के आगे नतमस्तक हो जाएंगे। आपके शब्दो मे प्राण होगा, इंटरव्यू में सभी आप को वरीयता देंगे।

8- रोज सोने से पूर्व अच्छी पुस्तको उदाहरण - *मानसिक प्रबंधन, दृष्टिकोण ठीक रखे, सङ्कल्प शक्ति की प्रचण्ड प्रक्रिया, आगे बढ़ने के तैयारी, प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल, व्यवस्था बुद्धि की गरिमा इत्यादि* का स्वाध्याय करो(पढो), जो निम्नलिखित लिंक पर फ्री पढ़ सकते हो, अच्छे विचार नकारात्मक विचार को समाप्त कर देते हैं:-

http:// www. vicharkrantibooks. org

*उगते सूर्य का ध्यान निम्नलिखित वीडियो से सीखें:-*
https:// youtu. be /04Dl89YWTYU

🙏🏻जब तक स्वयं के मन को वश में नहीं करेंगे, मन उपद्रव मचाएगा। गलत राह में ले जाएगा। समय रहते मन को शुभ संकल्पों से बांध कर श्रेय मार्ग चलना शुरू कर देना चाहिए, जीवन लक्ष्य प्राप्त करना चाहिए।🙏🏻
😇😇😇😇

🙏🏻

Friday, August 18, 2017

Dhi ki chatny

दही की चटनी (dahi chutney) अगर आपने एक बार खाली तो आप इसके दीवाने हो जायेंगे और हर रोज़ यही चटनी बनायेंगे दही से बनी ये चटपटी चटनी सभी का दिल जीत लेती हैं तो फिर देर किस बात की फटाफट बनाएं स्वादिष्ट दही की चटनी।
आवश्यक सामग्री -
दही = एक कटोरी
पिसी काली मिर्च = आधा छोटा चम्मच
लाल मिर्च पावडर = आधा छोटा चम्मच
लहसुन = आधा छोटा चम्मच कटा हुआ
प्याज़  = 2 छोटे, बारीक़ कटे हुए
पुदीना = एक छोटा चम्मच, बारीक़ कटा हुआ
हरा धनिया =एक छोटा चम्मच, बारीक़ कटा हुआ
पिसी अदरक = एक छोटा चम्मच
नमक = स्वादअनुसार
विधि -
सबसे पहले एक बाउल में दही लेकर खूब अच्छी तरह से फेंट लें फिर इसके बाद इसमें प्याज़, अदरक, लहसुन, हरा धनिया और पुदीना डालकर मिला लें।
और फिर इसमें नमक और काली मिर्च पावडर भी डालकर मिला लें सर्व करने से पहले इसमें ऊपर से थोड़ा-सा लाल मिर्च पावडर छिड़क दें चावल, रोटी या फिर पराठे के साथ लज़ीज़ व मज़ेदार दही की चटनी का मज़ा लें।
सुझाव
अगर आप चाहें तो प्याज़, अदरक, लहसुन, हरा धनिया और पुदीना को मिक्सी में पीसकर इसका पेस्ट बनाकर भी दही में डाल सकते हैं

Wednesday, August 16, 2017

खाना खाने का बच्चों का मन नही करता तो ये उपाय है जैसे जादू

खाना खाने का बच्चों का मन नही करता तो ये उपाय है जैसे जादू
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अक्सर सभी के घर में छोटे बच्चों के साथ यह समस्या रहती है कि खाने का नाम आते ही उनके बहाने शुरू हो जाते हैं कि हमे भूख नही है । बच्चों की भूख बढ़ाने और हाजमा दुरुस्त करने के लिये ये स्वादिष्ट प्रयोग घर पर तैयार करें, बच्चों की भूख भी खुल जायेगी और खाना खाने में रूचि भी बनेगी । जानिये इस प्रयोग के बारे में ।
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जरूरी सामग्री :-
1 :- धनिया मसाले वाला 20 ग्राम
2 :- जीरा 20 ग्राम
3 :- काली मिर्च 20 ग्राम
4 :- पोदीने का सत्व 20 ग्राम
5 :- सेंधा नमक 10 ग्राम
6 :- काला नमक 20 ग्राम
7 :- किशमिश 50 ग्राम
8 :- नीम्बू का रस 10 मिलीलीटर
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उपरोक्त लिखी सभी सामान आपकी रसोई में आसानी से उप्लब्ध होता है, पोदीने का सत्व आपको पँसारी के पास से ही मिल जायेगा ।
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निर्माण विधी :-
नीम्बू के रस और किशमिश को छोड़कर बाकी सभी चीजों को बारीक पीस लें एक साथ । फिर इनको किशमिश के साथ खूब अच्छे से कूटकर चटनी जैसा बना लें । इस चटनी में थोड़े थोड़े नीम्बू के रस के छींटे देकर खूब घोटते रहें । फिर इसकी छोटे बेर जितनी गोलियॉ बना लें और कुछ देर टाईट होने तक धूप में सुखा लें । एयरटाईट डिब्बी में बंद करके रखें ।
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सेवन विधी :-
दो दो गोली दिन में 3-4 बार बच्चों को चूसने के लिये दीजिये । इस गोली का स्वाद बच्चों को बहुत मन भाता है और यह पाचक अग्नि को भी प्रबल बनाती है जिससे भूख खुलकर लगने लगती है और बच्चों की खाना ना खाने की समस्या दूर हो जाती है । बस इतना ध्यान रखें कि बच्चों को बाजार से चिप्स आदि ना खाने दें ।

Sunday, August 13, 2017

कुते के काटने पर यह दवा ले।

अगर घरेलु कुत्ता काटे तो कोई दिक्कत नही है पर पागल कुत्ता कटे तो समस्या है। सड़क वाला कुत्ता काटले तो आप जानते है नही, उसको इंजेक्शन दिए हुए है या नही, उसने काट लिया तो आप डॉक्टर के पास जायेंगे फिर वो 14 इंजेक्शन लगाएगा वो भी पेट में लगाता है, उससे बहुत दर्द होता है और खर्च भी हो जाता है कम से कम 50000 तक कई बार, गरीब आदमी के पास वो भी नही है । कुत्ता कभी भी काटे, पागल से पागल कुत्ता काटे, घबराइए मत, चिंता मत करिए बिलकुल ठीक होगा वो आदमी बस उसको एक दावा दे दीजिये । दावा का नाम है Hydrophobinum 200 (ये आपको होमोपेथिक स्टोर से मिलेगी) और इसको 10-10 मिनट पर जिव में तिन ड्रोप डालना है । कितना भी पागल कुत्ता काटे आप ये दावा दे दीजिये और भूल जाइये के कोई इंजेक्शन देना है। इस दावा को सूरज की धुप और रेफ्रीजिरेटर से बचाना है। रेबिस सिर्फ पागल कुत्ता काटने से ही होता है पर साधारण कुत्ता काटने से रेबिस नही होता।