Monday, November 30, 2015

गुड़हल के फूल के उपयोग

गुडहल (फूल) के गुण :-

गुडहल एक आम सा फूल है जो कि देखने में सुंदर होता है। ऐसे कई गुडहल के फूल हैं जो कि अलग-अलग रंगों में पाये जाते हैं जैसे, लाल, सफेद , गुलाबी, पीला और बैगनी आदि। यह सुंदर सा गुडहल का फूल स्वास्थ्य के खजाने से भरा पड़ा है। इसका इस्तेमाल खाने- पीने या दवाओं लिए किया जाता है। इससे कॉलेस्ट्रॉल, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और गले के संक्रमण जैसे रोगों का इलाज किया जाता है। यह विटामिन सी, कैल्शियम, वसा, फाइबर, आयरन का बढिया स्रोत है। 
गुडहल के ताजे फूलों को पीसकर लगाने से बालों का रंग सुंदर हो जाता है। 
मुंह के छाले में गुडहल के पते चबाने से लाभ होता है।
डायटिंग करने वाले या गुर्दे की समस्याओं से पीडित व्यक्ति अक्सर इसे बर्फ के साथ पर बिना चीनी मिलाए पीते हैं, क्योंकि इसमें प्राकृतिकमूत्रवर्धक गुण होते हैं। 
क्या आप जानते हैं कि गुडहल की चाय भी बनती है। जी हां, गुडहल की चाय एक स्वास्थ्य हर्बल टी है। तो आइये जानते हैं गुडहल के स्वास्थ्य और औषधीय लाभ के बारे में-
गुडहल के गुण -

1. गुडहल से बनी चाय को प्रयोग सर्दी-जुखाम और बुखार आदि को ठीक करने के लिये प्रयोग की जाती है।

2. गुड़हल के फूल का अर्क दिल के लिए उतना ही फायदेमंद है जितना रेड वाइन और चाय।

3. - विज्ञानियों के मुताबिक चूहों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि गुड़हल का अर्क कोलेस्ट्राल को कम करने में सहायक है। इसलिए यह इनसानों पर भी कारगर होगा।

4. - डायटिंग करने वाले या गुर्दे की समस्याओं से पीडित व्यक्ति अक्सर इसे बर्फ के साथ पर बिना चीनी मिलाए पीते हैं, क्योंकि इसमें प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होते हैं।

5. - अगर गुडहल को गरम पानी के साथ या फिर उबाल कर फिर हर्बल टी के जैसे पिया जाए तो यह हाई ब्लड प्रेशर को कम करेगा और बढे कोलेस्ट्रॉल को घटाएगा क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट होता है। 

6. गुडहल का फूल काफी पौष्टिक होता है क्योंकि इसमें विटामिन सी, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह पौष्टिक तत्व सांस संबन्धी तकलीफों को दूर करते हैं। यहां तक की गले के दर्द को और कफ को भी हर्बल टी सही कर देती है।

7. - गुडहल के फूलों का असर बालों को स्वस्थ्य बनाने के लिये भी होता है। इसे पानी में उबाला जाता है और फिर लगाया जाता है जिससे बालों का झड़ना रुक जाता है। यह एक आयुर्वेद उपचार है। इसका प्रयोग केश तेल बनाने मे
भी किया जाता है।

8. - गुडहल के पत्ते तथा फूलों को सुखाकर पीस लें। इस पावडर की एक चम्मच मात्रा को एक चम्मच मिश्री के साथ पानी से लेते रहने से स्मरण शक्ति तथा स्नायुविक शक्ति बढाती है।

9. - गुडहल के फूलों को सुखाकर बनाया गया पावडर दूध के साथ एक एक चम्मच लेते रहने से रक्त की कमी दूर होती है |

10. - यदि चेहरे पर बहुत मुंहसे हो गए हैं तो लाल गुडहल की पत्तियों को पानी में उबाल कर पीस लें और उसमें शहद मिला कर त्वचा पर लगाए |

Friday, November 27, 2015

एलो वेरा के फायदे / 10 Benefits of Aloe Vera

एलोविरा का रस को प्रतिदिन प्रातः खाली पेट में इस्तेमाल करने से पेट साफ करता है और साथ ही पेट की बीमारियों को दूर रखता है |
एलोविरा जेल को नियमित चेहरे पर लगाने से चेहरे की झुरियो को ख़त्म करता है और साथ ही चेहरे की रौनक बरकरार रखता है
एलो वेरा जूस का नियमित इस्तेमाल खून को साफ करता है और साथ ही हिमोग्लोबिन की कमी को भी दूर करता है |
एलो वेरा में १२ विटामिन, १८ धातु और अन्य बहुमूल्य तत्व पाए जाते है जिसके इस्तेमाल से हमारे शरिर में खून की कमी नहीं होती है और शरिर के रोग प्रतिरोधक छमता को बढाता है |
एलो वेरा जूस का इस्तेमाल से जोडो के दर्द (joint pain) से नीजात मिलती है |
एलो वेरा के जूस को धुप में निकलने से पहले शरिर में लेप लगा कर निकलने से Sunburn से बचा जा सकता है |
एलो वेरा को बाल में इस्तेमाल करने से बाल का झड़ना कम होता है और साथ ही साथ बाल मोटा घना और Dandruff Free भी होता है |
एलो वेरा को फटी एडीयो में इस्तेमाल से जल्द राहत मिलती है |
अगर आप काफी दिनों तक जवान दिखना चाहते है तो Aloe Vera gel का face पर regular इस्तेमाल कीजिये |
अगर आपके चेहरे पर ज्यादा pimples आतें है तो इसका आप कम से कम 1 week तक इस्तेमाल कीजिये |  वैसे market में काफी सारे Alo Vera gel उपलब्ध है, उसे आप नहाने समय और रात को सोने से पहले face wash की तरह इस्तेमाल करें |  यह Alo Vera pimples के लिए best natural treatment है |

Thursday, November 26, 2015

Every woman dreams of long and luscious locks that form the crowning glory of her appearance. Most of us envy the models on television for their beautiful, shiny, and healthy hair. But, what is the secret of their beautiful hair? Is there any camera trick involved or is it in their genes? Flawless and beautiful tresses are not an elusive dream. The chemically loaded hair care products available in the market not only have adverse effects on your hair and scalp, but also cause a dent in your pockets. So, why not invest your money and faith in something natural and, of course, economical? Use curry leaves and add some spice to your hair care regime. Ways To Use Curry Leaves As A Hair Tonic As A Hair Mask In Your Diet Why Curry Leaf Is Effective In Facilitating Hair Growth Our hair follicles usually get clogged due to exposure to pollution and other hair products available in the market that cause hair damage and hair loss. Curry leaves are a great source of proteins and beta-carotene. Proteins prevent hair thinning, while beta-carotene helps in preventing hair loss (1), (2). Curry leaves are also rich in amino acids that help in preventing hair loss and strengthening hair follicles (3). Curry leaves contain antioxidants that moisturize the scalp and help in removing dead hair follicles. Want trusted advice on hair growth? Ask experts at Lybrate for free.Click here [ Read: How To Use Curry Leaves To Prevent Hair Loss? ] How To Use Curry Leaves For Hair Growth Caution Your skin might be allergic to curry leaves’ paste. Do a patch test before applying it on your scalp. Do not consume the seeds as they are poisonous. 1. As A Hair Tonic What You Need A handful of fresh curry leaves 1 small bowl coconut oil What You Need To Do Take a small bowl of coconut oil and add curry leaves in it. Boil the mixture until you find a black residue forming. Turn off the flame and let the mixture cool down. Boiling curry leaves with coconut oil will help the nutrients in curry leaves infuse with the oil to form wonderful hair tonic. Once the tonic is cool, apply it on your scalp and hair, wait for an hour, and then rinse with shampoo. Why This Works Curry leaves have vitamin B6 i.e. pyridoxine that helps in stabilizing the hormone levels that, in turn, helps in strengthening hair shafts and roots (4). How Often You Should Do This Apply this tonic at least twice a week and you will see a significant change in the hair texture within a month. It will also promote hair growth. To Use Curry Leaves For Hair Growth

How To Use Curry Leaves For Hair Growth:

1. Make A Hair Tonic:

Take fresh curry leaves and some coconut oil in a bowl. As you already know, coconut oil is good for the hair. When mixed with curry leaves and applied on the scalp, it boosts hair growth. Boil these two together until you see a black residue forming. After the residue is formed, cool it and apply it onto your scalp directly. Keep this mixture for about an hour and then wash off with a mild shampoo. Apply this tonic twice a week and you will see the difference in just fifteen days. This hair tonic not only stimulates hair growth but also prevents the graying of hair. This is the best method to use curry leaves for hair growth.

2. Make A Hair Mask:

Take some curry leaves and make a paste. Now mix this paste with yoghurt and massage it on your scalp. Keep this mixture on for around 20-25 minutes and then wash off with a mild shampoo. Apply this mask every week religiously to see instant results in terms of hair growth. Besides increasing hair growth, this hair mask will also make your hair shiny, smooth and bouncy.

3. Make Tea From Curry Leaves:

I know this may sound weird, but you can also make curry leaves tea! Boil some curry leaves in water, squeeze a lime and add some sugar to it. Drink this tea daily for 1 week to see results. This will increase hair growth, make your hair smooth and shiny, and prevent gray hairs. Intake of curry leaves is good for the digestive system as well and it resolves many hair problems.

[ Read: Amino Acids For Hair Growth ]

Benefits Of Curry Leaves For Hair

It Repairs Damaged Roots:

Chemical treatments, heating tools, pollution, etc. damage the roots of our hair, due to which hair growth can stop. Curry leaves can repair damaged roots as they contain essential nutrients. Applying the paste of curry leaves directly to the scalp can revive and repair the roots. Regular application of this paste can also strengthen the hair follicles. You can also consume the leaves if you are fine with their bitter taste. Curry leaves can act as first aid for your damaged hair. When the roots of your hair become strong, hair growth automatically speeds up.

It Reduces Hair Fall:

Curry leaves are rich in protein and beta-carotene which reduce hair loss and increase hair growth. Hair loss can occur due to the lack of proteins. Thus, regular intake of curry leaves is necessary for hair growth. They are also rich in antioxidants. Curry leaves provide moisture to the scalp, help to remove dead scalp follicles and prevent dandruff.

Wednesday, November 25, 2015

ग्रीन टी पीने के फायदे

ग्रीन टी का नाम फिटनेस से जुड़ा है, रोजाना ग्रीन टी पीने वालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है। आइये आज ग्रीन टी के लाभों के बारे मै जानते है

1. हृदय रोग :-

रोजाना ग्रीन टी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है जिससे हृदय रोग होने की आशंका कम होती है।

2. इम्मयून सिस्टम मजबूत बनाए :-

ग्रीन टी में विटामिन सी, पालीफिनोल्स आदि एंटीआक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर के इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाते हैं।

3. कैंसर से बचाए

ग्रीन टी कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकती है। इसके नियमित प्रयोग से पाचन नली और मूत्राशय के कैंसर नहीं होते।

4. दिल को रखे स्वस्थ

ग्रीन टी पीने से मेटाबॉलिज्‍म का स्‍तर बढ़ता है,जिसके कारण शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा संतुलित रहती है तथा हार्ट अटैक आशंका बहुत कम होती है।

5. वजन घटाए

ग्रीन टी के सेवन से मोटापा कम होता है। खाने के बाद एक कप ग्रीन टी पीने से पाचन शक्ति बढ़ती है। ग्रीन टी में मौजूद कैफीन से कैलोरी अधिक खर्च होती है इसके कारण वजन कम होता है।

6. मुंह की दुर्गंध से छुटकारा

ग्रीन टी में ऑक्‍सीकरण रोधी पॉलीफिनॉल पाया जाता है जो मुंह में उन तत्‍वों को खत्‍म कर देता है जिससे सांस संबंधी परेशानियों उत्पन्न होती हैं।

7. मस्तिष्क रोग में लाभ

यह भूलने की बीमारियों जैसे अलजाइमर या पार्किशन बीमारी होने की आशंका कम करती है। यह शरीर में मेटाबॉलिक रेट या वसा ऑक्सिडाइजेशन को भी बढा़ती है।

8. त्वचा के लिए जरूरी

ग्रीन टी से त्वचा में झुर्रियों और एंटी एजिंग जैसे समस्या नहीं होती । हर रोज ग्रीन टी के सेवन से हम लंबे समय तक जवां रह सकते हैं।

9. ग्रीन टी के सेवन से गठिया की समस्या नही होती।

10. ग्रीन टी का सेवन से तनाव और चिंता नही होती है।

11. कोल्ड या फ्लू होने पर ग्रीन टी लेने से काफी आराम पड़ता है। इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी फ्लू और सर्दी के इलाज में मदद करता है।

अश्वगंधा के 4 स्वास्थ्य लाभ

अश्वगंधा आयुर्वेद में इस्तेमाल की जाने वाली सबसे मुख्य जड़ी बूटी है जिसे आयुर्वेद की भाषा में यदि एक टॉनिक का नाम दें तो यह बिल्कुल गलत नही होगा। क्यूंकि अश्वगंधा के स्वास्थ्य लाभ हैं ही इस प्रकार के यह शरीर के हर भाग को प्रभावित करता है और शरीर में ऊर्जा बनाये रखने के लिए भी बहुत ही उपयोगी है ।चलिए अश्वगंधा के स्वास्थ्य लाभों के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं-
1. अश्वगंधा में एंटी एजिंग गुण होते हैं जिसके कारण उम्र के साथ आने वाली झुर्रियों को काफी समय तक रोका जा सकता है और काफी लम्बे समय तक अपनी त्वचा को जवान रखा जा सकता है । इसका कारण यह है कि अश्वगंध कोशिका के पुनर्जन्म को बढ़ावा देता है जिसकी कारण हमारी त्वचा पर झुर्रियाँ नही आती और आप लम्बे समय तक जवान दिखते हैं।

2. यह जड़ी बूटी अल्ज़ाइमर नामक बिमारी में भी बहुत ही उपयोगी है इसके प्रयोग से स्मृति हानि की शिकायत को दूर किया जा सकता है । कई प्रकार की रिसर्च से यह साबित हुआ है कि अश्वगंधा तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाये रखने में बहुत ही उपयोगी है और यह संज्ञात्मक रोग से भी निजात दिलाता है।

3. अश्वगंधा मन को शांत रखने में भी बहुत ही सहायक है यदि आप मन में बेचैनी या अनिद्रा के शिकार है तो अश्वगंधा आपके लिए बहुत ही उपयोगी है ।यह मन की शांति को बढ़ता है और अच्छी नींद को भी बढ़ावा देता है साथ ही साथ यह शरीर की शक्ति को भी बढ़ता है।

4. अश्वगंधा युवा जोश को बनाये रखता है जिसके कारण आप हमेशा स्फूर्ति से भरपूर रहकर अपने रोज़मर्रा में कामों में बढ़ चढ़ कर भाग ले सकते है।

फूलों की सुगंध नहीं, स्वाद लीजिए

फूलों की सुगंध नहीं, स्वाद लीजिए
AUG 23, 2015by AGUYin हिन्दी
गुलाब – गुलाब की लगभग सभी किस्में खाने योग्य होती हैं। इसकी पत्तियों का उपयोग सलाद, आइसक्रीम, मिठाई, गुलाब-जल, जैम-जेली, शरबत तथा भोजन की गार्निशिंग करने में किया जाता है। ये पित्त हर है ।मेरी गोल्ड या गेंदा – इसे कैलेंडुला भी कहा जाता है। इसकी पत्तियों का स्वाद कुछ चटपटा, हल्का तीखा और केसर के स्वाद जैसा होता है। इन्हें सूप, पास्ता, चावल की डिशेज, सलाद आदि की गार्निशिंग के लिए प्रयोग किया जाता है।
जेस्मीन (मोगरा)- इसका पारंपरिक उपयोग चाय को सुगंधित करने और इत्र आदि में किया जाता है।

चमेली- मीठे स्वाद वाला यह फूल बहुत ही खूबसूरत होता है, इसका उपयोग शैंपेन, चॉकलेट, केक, कस्टर्ड, शरबत और जेली आदि में किया जाता है। इसकी चाय भी बना सकते है यह मुंह के छालों में लाभ करता है .

गुलदाउदी- लाल, पीले, गुलाबी, सफेद और नारंगी रंग के इन फूलों का उपयोग सलाद और सिरके में फ्लेवर बढ़ाने के लिए किया जाता है।इसकी भी चाय लाभकारी है .

मधुमालती – इसके फूलों से आयुर्वेद में वसंत कुसुमाकर रस नाम की दवाई बनाई जाती है . इसकी 2-5 ग्राम की मात्रा लेने से कमजोरी दूर होती है और हारमोन ठीक हो जाते है . प्रमेह , प्रदर , पेट दर्द , सर्दी-जुकाम और मासिक धर्म आदि सभी समस्याओं का यह समाधान है . प्रमेह या प्रदर में इसके 3-4 ग्राम फूलों का रस मिश्री के साथ लें . शुगर की बीमारी में करेला , खीरा, टमाटर के साथ मालती के फूल डालकर जूस निकालें और सवेरे खाली पेट लें . या केवल इसकी 5-7 पत्तियों का रस ही ले लें . वह भी लाभ करेगा . कमजोरी में भी इसकी पत्तियों और फूलों का रस ले सकते हैं . पेट दर्द में इसके फूल और पत्तियों का रस लेने से पाचक रस बनने लगते हैं . यह बच्चे भी आराम से ले सकते हैं . सर्दी ज़ुकाम के लिए इसकी एक ग्राम फूल पत्ती और एक ग्राम तुलसी का काढ़ा बनाकर पीयें . यह किसी भी तरह का नुकसान नहीं करता . यह बहुत सौम्य प्रकृति का पौधा है .

सेमल – इसके फूलों को डोडे कहते है . इसके फूल के डोडों की सब्जी खाने से आंव (colitis) की बीमारी ठीक होती है . अगर शरीर में कमजोरी है तो इसके डोडों का पावडर एक-एक चम्मच घी के साथ सवेरे शाम लें और साथ में दूध पीयें .

अकरकरा –सुबह उठकर इसके फूल चबाकर दांत साफ करने से दांत स्वस्थ रहते है . सिरदर्द में इसके फूल पीसकर माथे पर लेप करें . मिर्गी के दौरे पड़ते हों तो , इसके फूलों का पावडर और वचा का पावडर मिलाकर लें . गले में तकलीफ हो तो इसके 4-5 फूल +आम के पत्ते +जामुन के पत्ते उबालकर उसके काढ़े से गरारे करें . दंतशूल हो तो इसके फूल दांतों के बीच दबाकर रखें . मुख से दुर्गन्ध आती हो तो , इसके फूल चबाकर लार बाहर निकालें . श्वास की तकलीफ हो तो फूल का पावडर सूंघ लें , अवरोध खुल जाएगा . जुकाम हो तो फूल का पावडर पीसकर नाक के चारों तरफ लगायें .खांसी हो तो इसके फूल , काली मिर्च और तुलसी की चाय पीयें . हृदय रोग में एक गिलास पानी में एक चम्मच अर्जुन की छाल और एक अकरकरा का फूल डालकर काढ़ा बनाएं और पीयें . इससे हृदय की कार्यक्षमता बढ़ेगी . मौसम में इसके फूल इकट्ठे कर के सुखा कर भी रख सकते हैं .

पारिजात , कदम्ब आदि के फुल बहुत पौष्टिक होते है .फोड़े- फुंसी और गले के दर्द में कदम्ब के फूल और पत्तों का काढा बनाकर पीजिये। पारिजात या हरसिंगार के फूल भी पौष्टिक होते है .आसाम के सब्जी बाज़ार में इनके फूलों को बेचा जाता है जहाँ इन्हें उबालकर सूप तैयार कर के पीने का प्रचलन हैं। माना जाता है कि यह सूप सेहत के लिए गुणकारी होता है। भारत के प्राचीन ऋषियों का मानना था कि इसकी गंध आत्मा की शुद्धि करती है। आज भी कहा जाता कि यह खुशबू आत्मा कि शुद्धि तो करती ही है साथ ही, याददाश्त भी तेज करती हैl पाश्चात्य मान्यताओं के अनुसार इसकी खुशबू में बीती हुई स्मृतियों को उत्तेजित करने की शक्ति भी है जो पुनर्जन्म को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। पारिजात के फूल हदय के लिए उत्तम औषधी माने जाते हैं।

अमलतास और कचनार के फूलों का भी गुलकंद बनता है .ये पेट के लिए लाभकारी है .

गुडहल – प्रमेह है या मूत्रदाह की बीमारी है तो , इसके तीन फूलों की डंडी हटाकर फूल चूसें या चबाएं और ऊपर से पानी पी लें . यह सवेरे खाली पेट करें .अनीमिया में इसके फूल व पत्तों को सुखाकर पावडर भी ले सकते हैं .गुडहल के गुलकंद का प्रतिदिन सेवन करने से ताकत मिलती है . गर्मी में इसका शर्बत पीयें . खांसी हो या खांसी के कारण कमजोरी हो तो इसकी 5-10 ग्राम जड़ को 400 gm पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और पीयें .

आक के फूलों में भी गुण होते है . छाया में सुखाये गए आक के फूलों के बराबर त्रिकुट (सौंठ, पीपल, काली मिर्च) और जवाखार एकत्र कर अदरक के रस में खरल

गुलाब फूल होने के साथ-साथ एक जड़ी बूटी भी है

गुलाब हमें सुगंध देने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता हैं। गुलाब फूल होने के साथ-साथ एक जड़ी बूटी भी है। आज हम ऐसे ही कुछ स्‍वास्‍थ्‍य लाभों के बारे में जानेंगे।

1. आंखों की देखभाल :-

गुलाब जल थकी हुई आंखों को तुरंत आराम देता है। आंखों में गुलाब जल डालने से आंखों में नई चमक आती है।

2. एस्ट्रिंजेंट :-

गुलाब के तेल में एस्ट्रिंजेंट के गुण होते हैं इस कारण यह मसूड़ों और बालों की जड़ों को मजबूत बनता है। यह त्‍वचा की देखभाल, मांसपेशियों में मजबूती, आंतों और रक्त वाहिकाओं में भी मदद करता है।

3. त्वचा की देखभाल :-

गुलाब जल त्‍वचा की देखभाल के लिए बहुत लोकप्रिय है। गुलाब जल एक सर्वश्रेष्‍ठ टोनर भी है। रोज रात को इसे चेहरे पर लगाने से त्‍वचा टाइट होती। यह त्वचा के पीएच संतुलन को बनाएं रखता है, मुंहासों को दूर करने में मदद करता है और बैक्टीरिया के संक्रमण से त्वचा की रक्षा करता है।

4. बालों की देखभाल :-

गुलाब जल में बालों की देखभाल के प्रभावी गुण होते है। यह बालों की जड़ों में ब्‍लड के सर्कुलेशन में सुधार करता है जिससे बालों के स्‍वस्‍थ विकास में मदद मिलती है। इसके अलावा यह बालों को मजबूत और लचीला बनाने के लिए एक प्रभावी और प्राकृतिक कंडीशनर भी है।

5. एंटीडेप्रेसेंट :-

गुलाब का तेल आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति बढ़ाता हैं। गुलाब का तेल अवसाद और चिंता से लड़ने में मदद करता हैं।

6. गुलाब का फल :-

गुलाब के फल विटामिन ए, बी 3, सी, डी और ई से भरपूर होता है। इसमें उच्‍च मात्रा में मौजूद विटामिन सी के कारण डायरिया के इलाज के लिए इसका इस्‍तेमाल किया जाता है।

7. सूजन कम करने में :-

गुलाब के तेल में एंटी इंफ्मेंटेरी तत्‍व सूक्ष्म जीवाणु होते है जो संक्रमण के कारण सूजन, रसायन, अपच और निर्जलीकरण को कम करने में मदद करते हैं।

7. हर्बल चाय :-

गुलाब जल का उपयोग एक हर्बल चाय के रूप में किया जाता है। यह पेट के रोगों और मूत्राशय में होने वाले संक्रमण को दूर करने के काम आती है।

9. एंटीसेप्टिक :-

घावों के इलाज के लिए गुलाब का तेल बहुत अच्‍छा उपाय है। गुलाब के तेल में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण घावों को भरता है। घाव पर गुलाब के तेल लगाने से सेप्टिक बनने और संक्रमण के विकास से बचाने में मदद मिलती है।

Friday, November 20, 2015

गुड़ खाने के फायदे

🙏गुड़ खाने से 18 फायदे :🙏

1- गुड़ खाने से नहीं होती गैस
की दिक्कत

2- खाना खाने के बाद अक्सर
मीठा खाने का मन करता हैं।
इसके लिए सबसे बेहतर है
कि आप गुड़ खाएं।
गुड़ का सेवन करने से आप
हेल्दी रह सकते हैं

3 - पाचन क्रिया को सही रखना

4 - गुड़ शरीर का रक्त साफ
करता है और मेटाबॉल्जिम
ठीक करता है।
रोज एक गिलास पानी या दूध
के साथ गुड़ का सेवन पेट को
ठंडक देता है। इससे गैस की
दिक्कत नहीं होती।
जिन लोगों को गैस की परेशानी है,
वो रोज़ लंच या डिनर के बाद
थोड़ा गुड़ ज़रुर खाएं..

5 - गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है।
इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों
के लिए बहुत फायदेमंद है।
खासतौर पर महिलाओं के
लिए इसका सेवन बहुत
अधिक ज़रुर है.

6 - त्वचा के लिए, गुड़ ब्लड से
खराब टॉक्सिन दूर करता है,
जिससे त्वचा दमकती है और
मुहांसे की समस्या नहीं होती है।

7 - गुड़ की तासीर गर्म है,
इसलिए इसका सेवन जुकाम
और कफ से आराम दिलाता है।
जुकाम के दौरान अगर आप
कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं
तो चाय या लड्डू में भी
इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

8 - एनर्जी के लिए -बुहत
ज़्यादा थकान और कमजोरी
महसूस करने पर गुड़ का
सेवन करने से आपका एनर्जी
लेवल बढ़ जाता है।
गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे
शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता.
दिनभर काम करने के बाद
जब भी आपको थकान हो,
तुरंत गुड़ खाएं।

9 - गुड़ शरीर के टेंपरेचर को
नियंत्रित रखता है।
इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं,
इसलिए दमा के मरीज़ों के
लिए इसका सेवन काफी
फायदेमंद होता है।

10 - जोड़ों के दर्द में आराम--
रोज़ गुड़ के एक टुकड़े के
साथ अदरक का सेवन करें,
इससे जोड़ों के दर्द की
दिक्कत नहीं होगी।

11- गुड़ के साथ पके चावल
खाने से बैठा हुआ गला व
आवाज खुल जाती है।

12 - गुड़ और काले तिल के
लड्डू खानेसे सर्दी में अस्थमा
की परेशानी नहीं होती है।

13 - जुकाम जम गया हो, तो
गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी
बनाकर खिलाएं।

14 - गुड़ और घी मिलाकर खाने
से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

15 - भोजन के बाद गुड़ खा
लेने से पेट में गैस नहीं बनती.
16 - पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम
गुड़ के साथ लेने से पीलिया
रोग में लाभ होता है।

17 - गुड़ का हलवा खाने से
स्मरण शक्ति बढती है।

18 - पांच ग्राम गुड़ को इतने ही
सरसों के तेल में मिलाकर खानेसे
श्वास रोग से छुटकारा मिलता है।
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Sunday, November 8, 2015

बनारसी साबुत लाल मिर्च का आचार

बनारसी साबूत लाल मिर्च का अचार खाने में बहुत अच्‍छा लगता है. इसकी रेसिपी आसान है और ये घर में बहुत स्‍वादिष्‍ट बन सकता है.

एक नज़र
समय : 1 से 1.5 घंटे
आवश्यक सामग्री
बनारसी लाल मिर्च 250 ग्राम
1/4 कटोरी राई की दाल
1/4 कटोरी नमक
2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
आधा चम्मच हल्दी
थोड़ी-सी हींग
1/4 कटोरी सौंफ दरदरी की हुई
2 नींबू का रस या साइट्रिक एसिड आधा चम्मच
सरसों का तेल
विधि
- सबसे पहले लाल मिर्च को गीले कपड़े से पौंछकर डंठल अलग करके मिर्च के पेट में चीरा लगा दें.
तेल को छोड़कर सभी सारी सामग्री एक परात या थाली में अच्छी तरह मिक्स करके कटी मिर्च में मसाले को भर दें.
- अब एक बर्तन में तेल गरम करें. तैयार मिर्च को चीनी की बरनी में भर दें और तेल थोड़ा ठंडा होने पर ऊपर से डालकर ‍अच्छी तरह मिक्स करके रख दें.
- 2-3 दिन बाद बनारसी लाल मिर्च के अचार बनकर तैयार हो जाएगा.

Tuesday, November 3, 2015

सांप के काटने का सस्ता व् सरल उपाय

दोस्तो सबसे पहले साँपो के बारे मे एक महत्वपूर्ण बात आप ये जान लीजिये ! कि अपने देश भारत मे 550 किस्म के साँप है ! जैसे एक cobra है ,viper है ,karit है ! ऐसी 550 किस्म की साँपो की जातियाँ हैं ! इनमे से मुश्किल से 10 साँप है जो जहरीले है सिर्फ 10 ! बाकी सब non poisonous है! इसका मतलब ये हुआ 540 साँप ऐसे है जिनके काटने से आपको कुछ नहीं होगा !! बिलकुल चिंता मत करिए !

लेकिन साँप के काटने का डर इतना है (हाय साँप ने काट लिया ) और कि कई बार आदमी heart attack से मर जाता है !जहर से नहीं मरता cardiac arrest से मर जाता है ! तो डर इतना है मन मे ! तो ये डर निकलना चाहिए !

वो डर कैसे निकलेगा ????

जब आपको ये पता होगा कि 550 तरह के साँप है उनमे से सिर्फ 10 साँप जहरीले हैं ! जिनके काटने से कोई मरता है ! इनमे से जो सबसे जहरीला साँप है उसका नाम है !
russell viper ! उसके बाद है karit इसके बाद है viper और एक है cobra ! king cobra जिसको आप कहते है काला नाग !! ये 4 तो बहुत ही खतरनाक और जहरीले है इनमे से किसी ने काट लिया तो 99 % chances है कि death होगी !

लेकिन अगर आप थोड़ी होशियारी दिखाये तो आप रोगी को बचा सकते हैं
होशियारी क्या दिखनी है ???

आपने देखा होगा साँप जब भी काटता है तो उसके दो दाँत है जिनमे जहर है जो शरीर के मास के अंदर घुस जाते हैं ! और खून मे वो अपना जहर छोड़ देता है ! तो फिर ये जहर ऊपर की तरफ जाता है ! मान लीजिये हाथ पर साँप ने काट लिया तो फिर जहर दिल की तरफ जाएगा उसके बाद पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! ऐसे ही अगर पैर पर काट लिया तो फिर ऊपर की और heart तक जाएगा और फिर पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! कहीं भी काटेगा तो दिल तक जाएगा ! और पूरे मे खून मे पूरे शरीर मे उसे पहुँचने मे 3 घंटे लगेंगे !

मतलब ये है कि रोगी 3 घंटे तक तो नहीं ही मरेगा ! जब पूरे दिमाग के एक एक हिस्से मे बाकी सब जगह पर जहर पहुँच जाएगा तभी उसकी death होगी otherwise नहीं होगी ! तो 3 घंटे का time है रोगी को बचाने का और उस तीन घंटे मे अगर आप कुछ कर ले तो बहुत अच्छा है !

क्या कर सकते हैं ?? ???

घर मे कोई पुराना इंजेक्शन (injection) हो तो उसे ले और आगे जहां सुई(needle) लगी होती है वहाँ से काटे ! सुई(needle) जिस पलास्टिक मे फिट होती है उस प्लास्टिक वाले हिस्से को काटे !! जैसे ही आप सुई के पीछे लगे पलास्टिक वाले हिस्से को काटेंगे तो वो injection एक सक्षम पाईप की तरह हो जाएगा ! बिलकुल वैसा ही जैसा होली के दिनो मे बच्चो की पिचकारी होती है !

उसके बाद आप रोगी के शरीर पर जहां साँप ने काटा है वो निशान ढूँढे ! बिलकुल आसानी से मिल जाएगा क्यूंकि जहां साँप काटता है वहाँ कुछ सूजन आ जाती है और दो निशान जिन पर हल्का खून लगा होता है आपको मिल जाएँगे ! अब आपको वो injection( जिसका सुई वाला हिस्सा आपने काट दिया है) लेना है और उन दो निशान मे से पहले एक निशान पर रख कर उसको खीचना है ! जैसी आप निशान पर injection रखेंगे वो निशान पर चिपक जाएगा तो उसमे vacuum crate हो जाएगा ! और आप खींचेगे तो खून उस injection मे भर जाएगा ! बिलकुल वैसे ही जैसे बच्चे पिचकारी से पानी भरते हैं ! तो आप इंजेक्शन से खींचते रहिए !और आप first time निकलेंगे तो देखेंगे कि उस खून का रंग हल्का blackish होगा या dark होगा तो समझ लीजिये उसमे जहर मिक्स हो गया है !

तो जब तक वो dark और blackish रंग blood निकलता रहे आप खिंचीये ! तो वो सारा निकल आएगा ! क्यूंकि साँप जो काटता है उसमे जहर ज्यादा नहीं होता है 0.5 मिलीग्राम के आस पास होता है क्यूंकि इससे ज्यादा उसके दाँतो मे रह ही नहीं सकता ! तो 0.5 ,0.6 मिलीग्राम है दो तीन बार मे आपने खीच लिया तो बाहर आ जाएगा ! और जैसे ही बाहर आएगा आप देखेंगे कि रोगी मे कुछ बदलाव आ रहा है थोड़ी consciousness (चेतना) आ जाएगी ! साँप काटने से व्यकित unconsciousness हो जाता है या semi consciousness हो जाता है और जहर को बाहर खींचने से चेतना आ जाती है ! consciousness आ गई तो वो मरेगा नहीं ! तो ये आप उसके लिए first aid (प्राथमिक सहायता) कर सकते हैं !

इसी injection को आप बीच से कट कर दीजिये बिलकुल बीच कट कर दीजिये 50% इधर 50% उधर ! तो आगे का जो छेद है उसका आकार और बढ़ जाएगा और खून और जल्दी से उसमे भरेगा !
तो ये आप रोगी के लिए first aid (प्राथमिक सहायता) के लिए ये कर सकते हैं !
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दूसरा एक medicine आप चाहें तो हमेशा अपने घर मे रख सकते हैं बहुत सस्ती है homeopathy मे आती है ! उसका नाम है NAJA (N A J A ) ! homeopathy medicine है किसी भी homeopathy shop मे आपको मिल जाएगी ! और इसकी potency है 200 ! आप दुकान पर जाकर कहें NAJA 200 देदो ! तो दुकानदार आपको दे देगा ! ये 5 मिलीलीटर आप घर मे खरीद कर रख ल