Friday, March 24, 2017

बबूल (कीकर) घुटनों के दर्द और रिप्लेसमेंट का तोड़.

बबूल (कीकर) घुटनों के दर्द और रिप्लेसमेंट का तोड़.
बबूल को आपने जरुर देखा होगा. जिसको कीकर भी कहते हैं. यह भारत मे हर जगह बिनां लगाये ही अपने आप खडा हो जातां है, अगर यह बबूल नामका वृक्ष अमेरिका या तो विदेशाे मे इतनी मात्रा मे होतां तो आज वही लोग इनकी दवाई बना बना कर हमसे हजारो रुपये लूटते. लेकिन भारत के लोगो को जो चीज मुफ्त मे मिलती है उनकी कोइ कदर नही है.

आज हम आपको इस बबूल (कीकर) का एक ऐसा प्रयोग बताने जा रहें हैं जिससे अगर आपके घुटनों में दर्द है या इसको बदलने की भी नौबत आ चुकी है. तो एक बार घुटनों को बदलवाने की बजाये इस प्रयोग को ज़रूर करें. और अपने रिजल्ट Only Ayurved से ज़रूर साझा करें.

एक आयु के बाद शरीर के जोड़ों में लुब्रीकेन्टस एवं केल्शियम बनना कम हो जातां है. जिससे कारन जोडो का दर्द, गैप, केल्शियम की कमी, वगैरा प्रोब्लेम्स सामने आती है, जिसके चलते आधुनिक चिकित्सा आपको जोइन्ट रिप्लेस करने की सलाह देते है. तो यह प्रयोग आपको ऐसी नौबत से बचा सकता है.

तो आइये जाने इस प्रयोग को.

बबूल से घुटनों की घरेलु दवा तैयार करने की विधि.
प्रयोग इस प्रकार करनां है *बबूल* के पेड़ पर जो *फली (फल)* आती है उसको तोडकर लेकर आये, अगर आपको ये सिटी मे नही मिल रहे तो किसी भी गांव जाएँ, वहां जितने चाहिये उतने मिल जायेगें, उसको बीज सहित ही सुखाकर पाउडर बना ले. बस दवा तैयार है.

अब आइये जाने इसके सेवन की विधि.
सुबह 1 चम्मच की मात्रा मे गुनगुने पानी से खाने के एक घंटे के बाद, 2-3 महीने लगातार सेवन करने से आपके घुटने का दर्द बिल्कुल सही हो सकता है. और आपको घुटने बदलने की नौबत नहीं आएगी.

Monday, March 13, 2017

होली पर घर के मुख्य द्वार पर छिड़कें गुलाल, और फिर देखे चमत्कार

गों का त्योहार होली आपके जीवन में नई खुशियां लेकर आए। होली के त्योहार को लेकर कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। वास्तु में भी इस त्योहार को लेकर खास उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

होली के दिन किसी गरीब को भोजन अवश्य कराएं। अपने घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और वहां दीपक जलाएं। जब दीपक बुझ जाए तो उसे होलिका की अग्नि में समर्पित कर दें। होलिका पूजन के लिए होलिका दहन वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर पेड़ों से टूटकर गिरी लकड़‍ियां उपयोग की जानी चाहिए। होली के दिन सूर्य अस्त होने से पहले अपने घर और प्रतिष्ठान में धूप-दीप अवश्य जलाएं।

होलिका दहन के अगले दिन होली की थोड़ी सी राख को अपने शरीर पर मल लें। माना जाता है कि इससे ग्रह शांति होती है। होली की रात में घर की छत पर जाकर चंद्र देव का स्मरण करें। घी के दीपक के साथ धूप, अगरबत्ती अर्पित करें। सफेद रंग का प्रसाद अर्पित करें। ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। होली की रात अपने घर या प्रतिष्ठान की सारी लाइट जलाकर रोशनी करें।

अगर किसी ने कोई तंत्र कराया है तो थोड़ी मिश्री होलिका की अग्नि में समर्पित कर दें। होलिका की 11 परिक्रमा करते हुए सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

होली के दिन प्रात: काल हींग के पानी से मुख शोधन करना चाहिए। प्रात: काल उठते ही किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा दी गई वस्तु नहीं खानी चाहिए। सिर पर साफा, टोपी पहननी चाहिए। कोई व्यक्ति आपका पहना हुआ वस्त्र, रुमाल आदि मांगे तो इसे नहीं देना चाहिए। होली के दिन वास्तु यंत्र को पीले रंग के वस्त्र पर स्थापित करें।