Thursday, August 18, 2016

रक्षाबन्धन

क्षा बंधन 18 अगस्त 2016 भाई और बहन का लगाव एक अद्भुत प्रेम है। इस रिश्तें में एक-दूसरे के प्रति मन का, भावनाओं का, सेवा का, ममता का व सुरक्षा का समपर्ण है। लेकिन वासना की बू लेशमात्र भी नहीं है। इस अनमोल रिश्तें में अब मानसिक दरार दिखलाई पड़ने लगी है। ’’भैया को दीन्ही महल अटारी, हमका दीया परदेश’’ शिक्षा दीप्ति स्त्रियों के ’’कान्ता-सम्मित उपदेशों’’ का असर इतना तो हुआ कि पैतृक सम्मपत्ति में लड़कियों को हिस्सा मिला। मगर इसका नतीजा यह है कि भाईयों के मन में बहनों की खातिर संशय बैठ गया। उन्हे लगने लगा कि यह माॅ-बाप की सेवा के नाम पर बहनें बार-2 मायके आने लगी और अपने नयें घर पर माॅ-बाप को महीनों रखने लगी। कहीं उन्हें पोट कर सम्पत्ति का अधिकांश हिस्सा अपने नाम न लिखवा लें। इस मानसिक भ्रम के कारण भाईयों को बहनों में अपना प्रतिद्वंद्वी दिखने लगा।
राक्षा सूत्र बाॅधते समय क्या करें-
1 रक्षाबन्धन के दिन सर्वप्रथम गणेश जी को राखी बाॅधे तत्पश्चात अन्य लोगों को बाॅधें।
2 राखी बॅधवाने वाले व्यक्ति का मुॅख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए।
3 रक्षा सूत्र बॅधवाते वक्त सिर पर रूमाल या कोई कपड़ा अवश्य रखें।
4 महिलावर्ग रखी बाॅधते समय लाल, गुलाबी, पीले या केसरिया रंग कपड़े पहने तो विशेष लाभ होगा।
5 सर्वप्रथम कलाई में कलावा बाॅधे उसके बाद अन्य कोई फैशनेबल राखी बाॅधे।
6 बहने जों रक्षा सूत्र बाॅधें उसे एक वर्ष तक कलाई में बाॅधे रखे और दूसरे वर्ष पुराना वाला रक्षा सूत्र उतार कर किसी नदीं में प्रवाहित करके पुनः नया रक्षा सूत्र बहनों से बॅधवायें। ऐसा करने पर आपकी सुख, समृद्धि व स्वास्थ्य की रक्षा पूरे वर्ष होती रहेगी।
7 येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामानुवध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
बहने राखी बाॅधते समय उपरोक्त मन्त्र का उच्चारण करें।
8 राखी बाॅधवाते समय दाहिने हाथ की मुठ्ठी में फॅूल अवश्य रखें।
9 रक्षा सूत्र शत-प्रतिशत सूती धागे का ही होना चाहिए।
10 राखी को 7 या 5 बार घुमाकर ही हाथ में बाॅधना चाहिए।
रक्षा सूत्र क्यों बाॅधा जाता है ?
1 कलावा या मोली बाॅधने की प्रथा तब से चली आ रही है, जब से दानवीर राजा बलि की वीरता की रक्षा के लिए भगवान वामन ने उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बाॅधा था। शास्त्रों में इस श्लोक का उल्लेख मिलता भी मिलता है।
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामानुवध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
2 रक्षासूत्र बाॅधने से त्रिदेव ब्रहमा, विष्णु, महेश व तीनों देवियाॅ लक्ष्मी, सरस्वती व दुर्गा की कृपा बनी रहती है।
3 शरीर की संरचना का प्रमुख नियन्त्रण हाथ की कलाई में होता है। इसलिए कलाई में रक्षा सूत्र बाॅधने से आत्म-विश्वास आता है एंव तीनों दोष वात, पित्त व कफ में सन्तुलन बना रहता है, जिससे स्वास्थ्य उत्तम रहता है।
4 कलावा या मोली बाॅधने से ब्लडप्रेशर व तनाव का रोग कम होता है।
यदि बहन भाई से रूष्ठ है तो क्या करें-
जन्मकुण्डली में बहन का कारक ग्रह बुध होता है। यदि आपका बुध अशुभ है, पापी है या नीच का है तो बहन से आपके रिश्तें मधुर नहीं रहेंगे। किसी भी प्रकार की नोंक-झोक चलती रहेगी।
1 बहन से रिश्तें मधुर हो जायें इसके लिए आपको रक्षा बन्धन के दिन अपनी बहन को हरें रंग साड़ी, हरे रंग की चूडियाॅ उपहार में दें।
2 नाक व कान में पहनें वाली कोई वस्तु भेंट करने से भी रिश्तें अच्छें हो जाते है।
3 रक्षा बन्धन के दिन बहन को सौंफ युक्त मीठा पान खिलायें।
4 विष्णु सह्रसनाम का पाठ करें।
5 अपनी बहन को हरे रंग की ब्रेसलेट या कोई अन्य उपहार जो हरें रंग का हो उसे दें।
यदि भाई नाराज है तो बहनें क्या करें-
भाई का कारक ग्रह मंगल होता है। स्त्रियों की कुण्डली में मंगल अशुभ, नीच का या भावसन्धि में फॅसा है तो भाई से रिश्तें अच्छे नहीं रहेंगे।
1 बहनें रक्षा बन्धन के दिन सबसे पहले हनुमान जी को रखी बाॅधे और उसके बाद भाई को राखी बाॅधते वक्त हनुमान जी की दाहिने भुजा से लिया हुआ वन्दन भाई को लगायें। ऐसा करने से आपस में प्रेम सम्बन्ध मजबूत होंगे।
2 आज के दिन बहनें सुन्दर काण्ड का पाठ करके भाई को राखी बाॅधें तथा बेसन लडडू खिलायें।
3 बहनें अपनें भाईयों को गहरे लाल रंग का कोई उपहार दें।
4 रक्षाबन्धन के दिन बहनें अपनें भाईयों को अपने हाथों से भोजन करायें तथा केसर युक्त कोई मीठी वस्तु अवश्य खिलायें।
5 भाई को राखी बाॅधते समय बहन मन में कार्तिकेय भगवान का स्मरण करें। हे कार्तिकेय जी मेरे और भाई के बीच रिश्तें हमेशा मधुर बनें।

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