Sunday, July 23, 2017

स्वदेशी ज्ञान – अब नहीं टपकेगी आपकी छत, सिर्फ 50 रुपैये के खर्चे में होगा इसका रामबाण इलाज स्वदेशी ज्ञान – अब नहीं टपकेगी आपकी छत, सिर्फ 50 रुपैये के खर्चे में होगा इसका रामबाण इलाज

बरसात में छत टपकाना एक आम बात है और ये स्थिति कभी कभी इतनी भयंकर होती है के पूरी की पूरी छत तोडनी भी पड़ जाती है, और ये काम कितना महंगा है आप सब जानते हैं, ऐसे में अगर कोई ऐसा प्रयोग करें के 50 रुपैये लगें और छत टपकनी बंद हो जाए. आज Only Ayurved आपको इसी बात का ग़ज़ब का तोड़ बता रहा है के कैसे टपकती हुई छत और ज़र्ज़र हो रहे पुराने ढांचे में नयी जान लायी जा सकती है. आज बता रहें हैं ओनली आयुर्वेद में श्री बलबीर सिंह जी और चेतन सिंह शेखावत जी.

सबसे पहले बात करेंगे इसके आईडिया की
Only Ayurved के टीम मेम्बेर्स ने एक विदेशी article पढ़ा जिसमे एक वैज्ञानिक अपनी नयी खोज दिखा रहा था के कैसे Bacillus bacteria के द्वारा एक घोल तैयार करके अंतिम उत्पाद calcium carbonate (Calcite) बनाया, जिस पर उन्होंने दावा किया के किसी भी पुराने ब्रिज और पुरानी छत या पुरानी दीवारें इनकी दीवारों में इसको भरने से वहां पर अपने आप एक पत्थर (Calcite) का निर्माण हो जाता है, और यही पत्थर उस जगह पर Sealing का काम करता है, जो दीवार या छत को पुरा सपोर्ट करके उसमे नयी जान डाल देता है. इसका लिंक भी आपको नीचे दे देंगे, जो भाई और इस पर शोध करना चाहें वो करें और नयी नयी जानकारियाँ निकाल कर लायें तांकि लोगों का भला हो सके.
तो ओनली आयुर्वेद ने इसी का परिक्षण करने के लिए एक घर का चुनाव किया जिस की छत टपक रही थी, उस पर अनेकों प्रयोग किये मगर वो सफल नहीं हुआ और अनेको मिस्त्रियों ने यही बोला के छत तुड़वानी पड़ेगी और कोई हल नहीं है. ऐसे में टीम ओनली आयुर्वेद ने इस फंडे को apply किया, और शत प्रतिशत कामयाबी पायी. टपकना तो दूर वहां आज 1 महीने के बाद तक अनेकों बारिश होने पर भी सीलन भी नहीं आई. तो आज आपसे भी यही शेयर कर रहें हैं. आइये जाने.

सबसे पहले जान लेते हैं इसके लिए ज़रूरी सामान
सीमेंट – ज़रूरत अनुसार
बजरी (रेत, बालू रेत) – ज़रूरत अनुसार
दही – सीमेंट का एक चौथाई 1/4
चीनी – दही का आधा

बनाने की विधि
सर्वप्रथम दही और चीनी को मिलाकर रात में ढक कर किसी मिटटी के बर्तन में रखें, अभी जहाँ पर छत टपक रही है वहां पर थोडा तोड़ लें तांकि इसके अन्दर तक ये मसाला जा सके. अभी आधे सीमेंट में बजरी और आधा चीनी वाला दही मिलाएं. बाकी को अलग कर दें। अभी तैयार मिश्रण में थोडा और पानी मिलाकर इसको पतला घोल कर लो. इस घोल को जहाँ पर छत टपकती हो उसको थोडा साइड से कुरेद कर उसमे धीरे धीरे ये घोल इसमें डालिए, जितना अन्दर जाए इसको और डालते रहें. और अभी इसको कम से कम 3 से 4 घंटे तक पड़ा रहने दें. इसके बाद बाकी बचा हुआ जो मसाला है उसमे दही मिलाकर जिस प्रकार नार्मल जो मसाला लगाया जाता है उस प्रकार से उस पर लगा दें. और इस को सूखने के लिए कम से कम 8 घंटे का समय दें. कुल मिलाकर 12 घंटे में आपकी छत टपकना बंद हो जाएगी.

कैसे करता है ये काम
इसमें जब हम दही और चीनी को जब आपस में मिलाया जाता है तो दही में उपस्थित Lacto bacillus bacteria चीनी को अपने भोजन के रूप में उपयोग करता है, और बदले में lactic acid बनाता है, जब हम इस मिश्रण को सीमेंट के घोल में मिलाते हैं तो ये lactic acid सीमेंट में उपस्थित कैल्शियम के साथ रिएक्शन करके calcium lactate और जल बनाता है. इसमें जो 3 से 4 घंटे का समय दिया है उस समय में calcium lactate हवा से क्रिया करके Calcium Carbonate बनाता है, यही calcium carbonate एक पत्थर है जो सीलिंग का काम करता है. इस प्रयोग का credit श्री बलबीर सिंह शेखावत और चेतन सिंह शेखावत को दिया जाता है. टीम ओनली आयुर्वेद उनका धन्यवाद करती है और समाज सेवा के इस उत्कृष्ट कार्य में दिए गए अनमोल सहयोग के लिए भरपूर सराहना करती है.
इस प्रयोग को करें और इसका फीडबैक दें, और हाँ दुसरे लोग जो ज़रूरत मंद हो उनकी भी सहायता ज़रूर करें. और हाँ आलोचकों और Motivate करने वालों का स्वागत है.
यह पोस्ट मूल रूप से onlyayurved.com पर अपडेट की गयी थी और ऑनली आयुर्वेद टीम को ही इसका पूरा पूरा श्रेय जाता है ।

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