Thursday, May 5, 2016

कुछ लोक प्रचलित आयुर्वेदिक दोहे

– जहाँ कहीं भी आपको, काँटा कोइ लग जाय। दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय

– मिश्री कत्था तनिक सा, चूसें मुँह में डाल। मुँह में छाले हों अगर, दूर होंय तत्काल

– पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम। खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम

– छिलका लेंय इलायची, दो या तीन गिराम। सिर दर्द मुँह सूजना, लगा होय आराम

– अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिक मिलाय। बार-बार तिल पर घिसे, तिल बाहर आ जाय

– गाजर का रस पीजिये, आवश्कतानुसार। सभी जगह उपलब्ध यह, दूर करे अतिसार

– खट्टा दामिड़ रस, दही, गाजर शाक पकाय। दूर करेगा अर्श को, जो भी इसको खाय

– रस अनार की कली का, नाकबूँद दो डाल। खून बहे जो नाक से, बंद होय तत्काल

– भून मुनक्का शुद्ध घी, सैंधा नमक मिलाय। चक्कर आना बंद हों, जो भी इसको खाय

– मूली की शाखों का रस, ले निकाल सौ ग्राम। तीन बार दिन में पियें, पथरी से आराम

–  दो चम्मच रस प्याज की, मिश्री सँग पी जाय। पथरी केवल बीस दिन, में गल बाहर जाय

– आधा कप अंगूर रस, केसर जरा मिलाय। पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय

– सदा करेला रस पिये, सुबहा हो औ शाम। दो चम्मच की मात्रा, पथरी से आराम

– एक डेढ़ अनुपात कप, पालक रस चौलाइ। चीनी सँग लें बीस दिन, पथरी दे न दिखाइ

– खीरे का रस लीजिये, कुछ दिन तीस ग्राम। लगातार सेवन करें, पथरी से आराम

– बैगन भुर्ता बीज बिन, पन्द्रह दिन गर खाय। गल-गल करके आपकी, पथरी बाहर आय

– लेकर कुलथी दाल को, पतली मगर बनाय। इसको नियमित खाय तो, पथरी बाहर आय

– दामिड़ (अनार) छिलका सुखाकर, पीसे चूर बनाय। सुबह-शाम जल डालकम, पी मुँह बदबू जाय

– चूना घी और शहद को, ले सम भाग मिलाय। बिच्छू को विष दूर हो, इसको यदि लगाय

– गरम नीर को कीजिये, उसमें शहद मिलाय। तीन बार दिन लीजिये, तो जुकाम मिट जाय

– अदरक रस मधु (शहद) भाग सम, करें अगर उपयोग। दूर आपसे होयगा, कफ औ खाँसी रोग

– ताजे तुलसी-पत्र का, पीजे रस दस ग्राम। पेट दर्द से पायँगे, कुछ पल का आराम

– बहुत सहज उपचार है, यदि आग जल जाय। मींगी पीस कपास की, फौरन जले लगाय

– रुई जलाकर भस्म कर, वहाँ करें भुरकाव। जल्दी ही आराम हो, होय जहाँ पर घाव

– नीम-पत्र के चूर्ण मैं, अजवायन इक ग्राम। गुण संग पीजै पेट के, कीड़ों से आराम

– दो-दो चम्मच शहद औ, रस ले नीम का पात। रोग पीलिया दूर हो, उठे पिये जो प्रात

– मिश्री के संग पीजिये, रस ये पत्ते नीम। पेंचिश के ये रोग में, काम न कोई हकीम

– हरड बहेडा आँवला चौथी नीम गिलोय, पंचम जीरा डालकर सुमिरन काया होय

– सावन में गुड खावै, सो मौहर बराबर पावै

– शीतल जल में डालकर, सौंफ गलाओ आप।मिश्री के संग पान करि, मिटे दाह संताप

– फटे बिवाई मुँह फटे, त्वचा खुरदुरी होय, नींबू मिश्रित आँवला, सेवन से सुख होय

– सौंफ इलायची गर्मी में, लौंग सर्दी में खाये,, त्रिफला सदा बहार है, रोग मुक्त हो जाये

– वात पित्त जब भी बढ़े, पहुँचावे अति कष्ट,, सौंठ आंवला, दाख संग, खावे पीड़ा नष्ट

– नींबू के छिलके सूखा, बना लीजिये राख,, मिटे वमन चाशनी संग ले, बढ़े वैद्य की साख

– लौंग इलायची चाबिये, रोजाना दस पांच,, हटे श्लेष्मा कंठ का, रहो स्वस्थ है सांच

– स्याह नौन हरड़े मिला, इसे खाईये रोज, कब्ज गैस क्षण में मिटे, सीधी सी है खोज

– पत्ते नागर बेल के, हरे चबाये रोज, कंठ साफ सुथरा रहे, रोग भला क्यों होय

– खांसी जब—जब भी करे, तुमको अति बैचेन, सीकी हींग अरु लौंग से, मिले सहज ही चैन

– छल प्रपंच से दूर हो, जग मंगल की चाह, आत्म निरोगी जन वही, गहे सत्य की राह

– ज्यादा खाय जल्द मरी जाय। सुखी वही जो थोड़ा खाय (अर्थात् अधिक खाने से पेट में विकार होता है। जो प्राणनाशक होता है और जो सूक्ष्म भोजन करता है वही सुखी रहता है)

– आतर दे के सरो व्यायाम करैं, दैव न मारे अपुहे मरै

– चैत गुड़ वैशाखे तेल जेठ के पंथ आषाढ़ के बेल

– सावन साग न भादो दही, क्वार दूध न कार्तिक मही

– अगहन जीरा पूसे घना, भादौ मिश्री फागुन चना

– प्रात:काल खटिया से उठके पिये तुरंत पानी, बहिक घर मा बैध न आवे बात घाघ का जानी (अर्थात् सवेरे उठते ही जो तुरंत पानी पीता है, उसके घर वैद्य नहीं आता। उठते ही बासा पानी पीने से दस्त साफ होता है और कोई रोग नहीं फटकता है)

– कालीमिर्च कू पीसकर घी बूरे संग खाएं,  नैन रोग सब दूर हों, गिद्ध दृष्टि हो जाए (अर्थात् कालीमिर्च को पीसकर घी, शक्कर के साथ खाने से आंखों की दृष्टि गिद्ध के समान हो जाती है)

सिर्फ 1 खुराक में खांसी, कफ व टोंसिल में आराम पहुचाना शुरू करने वाले आयुर्वेदिक नुस्खे

कफ और खांसी के लिए सबसे तेज फायदेमंद दवा है अडूसा जिसकी अमेरिका से लेकर विश्व के हर देश के वैज्ञानिकों ने भूरी भूरी प्रशंसा की है !

अडूसा (जिसे संस्कृत में वासा भी कहते हैं) की एक खुराक खाने भर से ही, कितना भी बड़ा कफ (या खांसी) का मरीज हो, उसे आराम मिलने लगता है !

कफ या खांसी चाहे जिस भी वजह से आ रही हो (चाहे टी. बी. हो, जुकाम हो या अन्य कोई भी बीमारी हो) अडूसा खाने से आराम जरूर मिलता है !

अडूसा का पेड़ खोजने पर हो सकता है जल्दी ना मिले लेकिन अडूसा से बनी कई आयुर्वेदिक दवाएं बाजार में मिलती हैं !

किसी भी बड़ी कंपनी की अडूसा से बनी कोई ऐसी दवा खरीदें जिसमे सिर्फ अडूसा मिला हो (अन्य कोई जड़ीबूटी ना मिली हो), ऐसी दवा खाने से बहुत तेज फायदा मिलता है !

कई आयुर्वेदिक दवाएं मरीज की प्रकृति के हिसाब से अलग अलग फायदा कर सकती हैं जैसे अदरक; जहाँ कुछ लोग कहते हैं की अदरक खांसी में बहुत फायदा है वही कुछ लोगों पर अदरक उल्टा असर करता है क्योंकि अदरक उनके शरीर में जमा कफ को सुखाकर खांसी को और बढ़ा देता है !

पर अडूसा सर्वमान्य तरीके से शरीर में जाकर, बहुत सौम्य तरीके से (मतलब बहुत प्यार से) कफ का बनना कम करता है !

प्राप्त जानकारी अनुसार श्री बाबा रामदेव अडूसा का रस नहीं बनाते लेकिन अडूसा से बनी ही दवा ‘श्वासारी प्रवाही’ बनाते हैं जो सांस की लगभग हर बीमारी में बहुत फायदा है !

बाजार में ‘बैद्यनाथ’ आयुर्वेदिक कम्पनी भी ऐसी है जो सिर्फ अडूसा से बना अवलेह बना कर बेचती है, ‘वासावलेह’ के नाम से ! इससे भी काफी आराम मिलते देखा गया है !

अडूसा के अलावा, गले की सामान्य बीमारियों एवं इन्फेक्शन में, हल्दी बहुत अच्छा फायदा करती है पर समस्या है कि बाजार में बिकने वाली अधिकांश हल्दी वैज्ञानिकों द्वारा जेनेटिकली मॉडिफाइड हैं जिसके वजह से उसके औषधीय गुण बहुत कम हो जाते हैं !

पूरी मानव जाति का जितना नुकसान ऐसे वैज्ञानिकों ने किया है उतना नुकसान बड़े से बड़े अपराधी ने भी नहीं किया है !

अगर हम मानव भगवान् के द्वारा बनाए गए ओरिजिनल प्रजाति की सब्जी (आलू, टमाटर, गोभी, पालक, लौकी, साग आदि), अनाज (दाल. चावल, गेहूं, चना आदि) और फल (आम, संतरा, सेब, अनार, केला आदि) खाते तो बिना किसी डॉक्टर की दवा खाए, 100 साल तक जवान हष्ट पुष्ट बने रहते !

पर इन मूर्ख वैज्ञानिकों ने ज्यादा फसल पैदा करने के चक्कर में भगवान् के द्वारा बनाये गये ओरिजिनल बीजों के जीन्स से छेड़छाड़ कर दिया जिससे पैदावार तो बढ़ी पर हमारे सब्जियों, अनाजों और फलों के अधिकांश औषधीय गुण मर गए ! ऊपर से रासायनिक खाद और रासायनिक कीट नाशक की मार !

सबसे बड़े दुःख की बात है आज मार्केट में हर जगह 99 प्रतिशत जेनिटिकली मॉडिफाइड सब्जी, जेनिटिकली मॉडिफाइड अनाज और जेनिटिकली मॉडिफाइड फल ही मिलते हैं !

श्री बाबा रामदेव जी ने सैकड़ो परोपकारी कामों के साथ ही यह भी महान काम शुरू किया है कि वो भारत के किसानों को सब्जी, फल और अनाजों के ओरिजिनल बीज (जिन्हें खोज पाना अब बहुत ही दुर्लभ हो चुका है) उपलब्ध कराना शुरू कर रहें हैं !

धन्य है बाबा रामदेव और उनकी अथक मेहनत !

श्री बाबा रामदेव के सभी प्रोडक्ट की तरह, उनके द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाला हल्दी पाउडर भी ओरिजिनल हल्दी प्रजाति का है इसलिए बाजार में बिकने वाली अन्य हल्दी पाउडर की तुलना में ज्यादा फायदेमंद माना जाता है !

गले में दर्द हो, खराश हो, खासी हो, कफ जमा हो या टोनसीलाईटिस हो गया हो तो आधा चम्मच कच्ची हल्दी के रस को मुह खोल कर गले में डाल देना चाहिए और फिर थोड़ी देर मौन होकर बैठना चाहिए ! बेहतर हो कि इसे रात को सोते समय किया जाय और सुबह उठकर मुंह धो लिया जाय !

जब ये हल्दी लार के साथ घुलकर पूरी तरह से गले में नीचे उतर जाती है, तो एक खुराक में ही कई बीमारियों में काफी आराम महसूस होते देखा गया है और फिर सामन्यतया दूसरी खुराक डालने की जरुरत ही नही पड़ती।

बच्चों और बड़ों दोनों लोगों के लिए यह बहुत फायदेमंद नुस्खा है क्योंकि जानकार वैद्यानुसार इससे टोंसिल में आराम मिल जाता है और ऑपरेशन से टोंसिल कटवाने की नौबत नहीं पड़ती !

खासी में, अनार का रस गरम करके पीने से खांसी में आराम मिलते देखा गया है ।

सिर्फ 1 काली मिर्च धीरे धीरे चूस कर गर्म पानी पीने से भी कफ प्रवृत्ति के लोगों को आराम मिलते देखा गया है लेकिन काली मिर्च बहुत गर्म है इसलिए हाई बी पी और बवासीर के मरीजों को काली मिर्च वैद्य अनुसार लेना चाहिए !

छाती की कुछ बिमारिया जैसे अस्थमा व ब्रोंकिअल अस्थमा की सबसे अच्छी दवा है, गायमाता का मूत्र !

आधा कप गोमूत्र सुबह ताजा ताजा पीने से अस्थमा में आराम मिलता है पर ध्यान रहे मूत्र सिर्फ भारतीय देशी गाय माता का हो, ना कि संकर गाय या जर्सी गाय का !

गोमूत्र पीने से टीबी (Tuberculosis) भी

Wednesday, May 4, 2016

t Will Happen If You Wrap Your Feet With Aluminum Foil? HealthWhat Will Happen If You Wrap Your Feet With Aluminum Foil

The aluminum foil is great not just for preparing food in the oven and wrapping the leftovers, but also it can cure diseases.

If you have pain in your neck, back, shoulders, knees, and if you have pain in the heel and you can’t get rid of it, you can put the aluminum foil on your painful area. After some time, your pain will disappear.

The energy that flows in our organisms in the biological active point, are coming back on the meridian, where they come from.

That is great for the organ that has a disease, with whom this meridian is connected. On this way you can remove the problems and pains easy. This interesting way of healing is practiced from the Russian and Chinese healers, and is described in the works of Wilhelm Reich, a student of Freud.

You should take aluminum foil and put it on your painful area and fix it with bandage.

With this method you can cure pain in your neck, back, legs, arms, joints, heels and rheumatoid arthritis. On this way you can remove the postoperative scars. You can achieve great results in the treatment of gout. Wrap your finger with aluminum foil and fix it with bandage.

The Chinese healers recommend you should do this treatment in the course of 10 to 12 days. Every day you should put aluminum foil on your painful area and you should keep it every day and night. After that, you should make a pause of 1 to 2 weeks and repeat the process if needed.

The foil has anti-inflammation properties and you can cure the cold with its help.

You should wrap your feet with the foil in 5 to 7 layers, and between every coat put paper or cotton. Keep it like that about one hour.

Then remove it and put it once again after 2 hours, for one hour. Then, make a pause and put it for the third time. The treatment should take 1 week.

How this treatment works on those diseases, the opinions are different. Someone explains that with bioenergy, some with science, and the Russian scientist A.V. Skvortsov explains that the special energy-structuring resources are used during the healing, like products of aluminum foil. The organism has special stem cells that constantly interact with the energy field of the Earth. This energy field is deformed because of different reasons, and disrupts the energy supply to the stem cells. The surface of the foil reflects the energy field of the Earth and magnifies it many times like a big focusing magnifying glass that restores the disrupted interaction between the energy field and the cells.

Remove the Facial Hair Forever With This Natural Recipe

Remove the Facial Hair Forever With
Many women in the world have problems with unwanted facial hair that can be a problem for their confidence and can be really annoying. Because of that, they use many possible options like bleaching, waxing or even shaving, just to remove the unwanted hair. We have the laser as an option, but it is too expensive.

Today we will present you a natural solution that was used for centuries by the women in the Middle East. You can do it at home and it is really effective.

This mixture removes the hair and also makes your skin look shiny and healthy, and it soothes the skin. The ingredients of the mixture are rich in antioxidants, vitamins and minerals.

Every woman should take a care for the skin, because it is the largest organ in our bodies and what we put on the skin goes into the bloodstream.

Ingredients:

2 tbsp of lemon juice
1 tbsp of oats porridge
3 tbsp of honey
Preparation and method:

Mix the ingredients and apply on the area where you want to get rid of the hair. Leave it like that for 15 minutes and then rinse with warm water. After that, apply face cream. Repeat this process 2 to 3 times in a week. After one month, you will be really surprised by the results, because your hair will disappear completely.

Monday, May 2, 2016

DO THIS AND YOUR CLOTHES WILL BE WHITE AND FRESH FOR A LONG TIME

Doing the laundry is nobody’s favorite choir. There are some stains that just won’t come off no matter what we do to them, and the detergents – well, it is difficult to find an unexpensive detergent that can clean all of the stains.

But, we have a helper on the way. There is one thing that you can do to make your clothes fresh, white and clean. It is a product that you probably already have in your home, and might we add it is not expensive at all.

White and Fresh for a Long Time

It is the white vinegar. Other than just saving your money, it will save your energy, time, effort and nerves. Here is how to use it:

The white vinegar preserves the color of the clothes, increases the power of any detergent and doesn’t let soap residue stay on the clothes after the washing is over, so make sure you pour a cup over your clothes before putting then in the washing machine. It can come as a substitute for fabric softener too.
The acidic properties in the vinegar help some stains and sweat be removed from the clothes.
To prevent the powder detergents from leaving residue on your clothes after the washing, just add a cup of white vinegar to the washing drum. Your skin will be grateful to you.
The vinegar can also neutralize the bad smell from the clothes, like for an example, smell of cigarettes.
To get rid of those stubborn stains, just spray undiluted vinegar over them, and gently rub the stain off. You can also take all of your dirty clothes and soak them in vinegar solution. This is made out of ½ cup vinegar in hot water. Leave the clothes in it overnight and them wash them regularly, in a washing machine.
Furthermore, the white vinegar will not only remove the static from the fabric, it can get rid of animal hairs too. Yes yes, this is possible. A cup of vinegar in the washing drum with all of the clothes will do just the trick.
When washing swimwear or underwear, add six tablespoons of vinegar to the hand wash and leave it like that for half an hour.
Finally, instead of using heavy chemicals to clean your washing machine, use white vinegar instead.
The vinegar will help your clothes and will save you time and energy. Try it today!

Sunday, May 1, 2016

पीपल के पत्ते से हार्ट के ब्लाकेज हटाएँ : Use fucus religiousa leaves to remove heart blockage

पीपल के पत्ते  के चमत्कारी गुण

99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी हटा देता है पीपल का पत्ता....

पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों ।

प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।

पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी

उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा

तैयार।

इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के

पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की

संभावना नहीं रहती। दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें।

* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है।

* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।

* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।

* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें।

नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।

* अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने,

किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें । ...

आलू के उपयोग,प्रयोग और लाभ : Benefits of Potato

b1 आलू उबालने के बाद बचे पानी में एक आलू मसलकर बाल धोने से आश्चर्यजनक रूप से बाल चमकीले, मुलायम और जड़ों से मजबूत होंगे। सिर में खाज, सफेद होना व गंजापन तत्काल रुक जाता है।

आलू दुनिया में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली सब्जी है। आलू पूरी दुनिया में उगाया जाता है, लेकिन इसका मूल स्थान दक्षिण अमेरिका है। भारत में यह 16वीं शताब्दी के आसपास पुर्तगालियों द्वारा लाया गया|
आलू का यदि कोई भाग हरा रह गया है तो उसे काटकर निकाल देना चाहिए, क्योंकि उसमें सोलेनाइन नामक विषैला पदार्थ होता है। इसके अतिरिक्त यदि आलू में अंकुर आ गए हों, तो अंकुरित भाग काटकर निकाल देना चाहिए और उसे प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। आलू के उपयोग के विषय मे जानते हैं-
जलने पर कच्चा आलू कुचलकर जले भाग पर तुरंत लगा देने से आराम मिल जाता है।
आलू को पीसकर त्वचा पर मलें। रंग गोरा हो जाएगा।

आलू के रस में नींबू रस की कुछ बूंदें मिलाकर लगाने से धब्बे हल्के हो जाते हैं।
आलू के टुकड़ों को गर्दन, कुहनियों आदि सख्त स्थानों पर रगडऩे से वहां की त्वचा साफ एवं कोमल हो जाती है।
आलू में औषधीय गुण जबर्दस्त हैं। यह आँतों में सड़न की प्रक्रिया को रोकता है, और पाचन प्रक्रिया में सहायक बैक्टीरिया के विकास में सहायता करता है। आलू यूरिक अम्ल को घोलकर निकालता है। पुरानी कब्ज, आँतों में विषाक्तता, यूरिक अम्ल से संबंधित रोग,गुर्दों में पथरी, ड्रॉप्सी आदि रोगों के इलाज में आलू पर आधारित चिकित्सा को बहुउपयोगी माना गया है। स्कर्वी रोग में आलू को आदर्श आहार औषधि माना गया है।
आलू भूनकर नमक के साथ खाने से चर्बी की मात्रा में कमी होती है।
झाइयों तथा झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आलू के रस में मुल्तानी मिट्टी मिलाकर झाइयों और झुर्रियों पर लगाएं। बीस मिनट बाद चेहरा पानी से साफ कर लें।
भुना हुआ आलू पुरानी कब्ज दूर करता है। आलू में पोटेशियम साल्ट होता है जो अम्लपित्त को रोकता है।
पाचन संबंधी बीमारियों में कच्चे आलू का रस बहुत उपयोगी होता है, क्योंकि यह आँतों में सूजन से आराम दिलाता है। इस रोग में आराम पाने के लिए कच्चे आलू का आधा प्याला रस भोजन से आधा घंटा पहले दिन में दो या तीन बार लेना चाहिए।
चार आलू सेंक लें और फिर उनका छिलका उतार कर नमक, मिर्च डालकर खाएँ। इससे गठिया ठीक हो जाता है।
आलू के पौष्टिक तत्वों का लाभ लेने के लिए इसे हमेशा छिलके समेत खाना  चाहिए क्योंकि आलू का सबसे अधिक पौष्टिक भाग छिलके के एकदम नीचे होता है, जो प्रोटीन और खनिज से भरपूर होता है। आलू को उबाला, भूना या अन्य सब्जियों के साथ पकाया जाता है, इसलिए इसके पौष्टिक तत्व आसानी से हजम हो जाते हैं। शरीर उन्हें दो से तीन घंटों में आसानी से सोख लेता है। आलू का रस निकालने के लिए जूसर का प्रयोग किया जा सकता है, या फिर उसे कुचलकर या कूट-पीसकर उसका रस कपड़े में से छाना जा सकता है।
उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएँ तो रक्तचाप को सामान्य बनाने में लाभ करता है।
कच्चा आलू पत्थर पर घिसकर सुबह-शाम काजल की तरह लगाने से से 6 वर्ष पुराना जाला और 4 वर्ष तक का फूला 3 महीने में साफ हो जाता है।
यह आँतों की सूजन और ड्योडेनल अल्सर से भी आराम दिलाता है। पेट और आँतों के रोगों तथा विषाक्तता के मामलों में आलू के स्टार्च का इस्तेमाल एंटीइंफ्लेमेट्री (सूजन दूर करने वाले) पदार्थ के रूप में किया जाता है। कच्चे आलू का रस त्वचा पर दाग-धब्बे दूर करनेमें उपयोगी सिद्ध हुआ है। आलू में मौजूद पोटेशियम सल्फर, फास्फोरस और कैल्शियम की मात्रा त्वचा की सफाई में मदद करती है।
आलू के छिलके कमाल के होते हैं, यकीन मानिए। दुनिया भर आलू एक प्रचलित कंद है और इसका इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता है लेकिन दुर्भाग्यवश जानकारी के अभाव में हम इसके छिलकों को फेंक देते हैं। आप जब इसके औषधीय गुणों को जानेंगे तो सिवाय दांतों में ऊंगली दबाने के कुछ ना कर पाएंगे। आपको आश्चर्य होगा कि आलू के छिलकों में आलू के अंदर के हिस्से से ज्यादा महत्वपूर्ण रसायन पाए जाते हैं। आंखों के नीचे बैग (एक प्रकार की सूजन) बने हों, या चेहरे
चेहरे पर दाग- धब्बे हों या मुहांसे हो..कुछ ना करें सिर्फ आलू के छिलकों के अंदरूनी हिस्से को चेहरे पर लगाए और हल्का हल्का दबाते हुएं रगडें, 15 दिन में फर्क बताएं,.. और तो और इन छिल्कों को ग्राईंड करें, रुई डुबोकर चेहरे पर लगाएं और फिर 15 दिनों में चेहरे की रंगत ना बदले तो बताएं..देसी ज्ञान है ....., असर दिखाकर दम लेगा..आज से आलू के छिलके फेंकना बंद..ध्यान रहें, छिलकों के इस्तेमाल से पहले आलू को साफ पानी से खूब अच्छी तरह से धो जरूर लें...