Sunday, May 1, 2016

आलू के उपयोग,प्रयोग और लाभ : Benefits of Potato

b1 आलू उबालने के बाद बचे पानी में एक आलू मसलकर बाल धोने से आश्चर्यजनक रूप से बाल चमकीले, मुलायम और जड़ों से मजबूत होंगे। सिर में खाज, सफेद होना व गंजापन तत्काल रुक जाता है।

आलू दुनिया में सबसे ज्यादा लोकप्रिय और सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली सब्जी है। आलू पूरी दुनिया में उगाया जाता है, लेकिन इसका मूल स्थान दक्षिण अमेरिका है। भारत में यह 16वीं शताब्दी के आसपास पुर्तगालियों द्वारा लाया गया|
आलू का यदि कोई भाग हरा रह गया है तो उसे काटकर निकाल देना चाहिए, क्योंकि उसमें सोलेनाइन नामक विषैला पदार्थ होता है। इसके अतिरिक्त यदि आलू में अंकुर आ गए हों, तो अंकुरित भाग काटकर निकाल देना चाहिए और उसे प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। आलू के उपयोग के विषय मे जानते हैं-
जलने पर कच्चा आलू कुचलकर जले भाग पर तुरंत लगा देने से आराम मिल जाता है।
आलू को पीसकर त्वचा पर मलें। रंग गोरा हो जाएगा।

आलू के रस में नींबू रस की कुछ बूंदें मिलाकर लगाने से धब्बे हल्के हो जाते हैं।
आलू के टुकड़ों को गर्दन, कुहनियों आदि सख्त स्थानों पर रगडऩे से वहां की त्वचा साफ एवं कोमल हो जाती है।
आलू में औषधीय गुण जबर्दस्त हैं। यह आँतों में सड़न की प्रक्रिया को रोकता है, और पाचन प्रक्रिया में सहायक बैक्टीरिया के विकास में सहायता करता है। आलू यूरिक अम्ल को घोलकर निकालता है। पुरानी कब्ज, आँतों में विषाक्तता, यूरिक अम्ल से संबंधित रोग,गुर्दों में पथरी, ड्रॉप्सी आदि रोगों के इलाज में आलू पर आधारित चिकित्सा को बहुउपयोगी माना गया है। स्कर्वी रोग में आलू को आदर्श आहार औषधि माना गया है।
आलू भूनकर नमक के साथ खाने से चर्बी की मात्रा में कमी होती है।
झाइयों तथा झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आलू के रस में मुल्तानी मिट्टी मिलाकर झाइयों और झुर्रियों पर लगाएं। बीस मिनट बाद चेहरा पानी से साफ कर लें।
भुना हुआ आलू पुरानी कब्ज दूर करता है। आलू में पोटेशियम साल्ट होता है जो अम्लपित्त को रोकता है।
पाचन संबंधी बीमारियों में कच्चे आलू का रस बहुत उपयोगी होता है, क्योंकि यह आँतों में सूजन से आराम दिलाता है। इस रोग में आराम पाने के लिए कच्चे आलू का आधा प्याला रस भोजन से आधा घंटा पहले दिन में दो या तीन बार लेना चाहिए।
चार आलू सेंक लें और फिर उनका छिलका उतार कर नमक, मिर्च डालकर खाएँ। इससे गठिया ठीक हो जाता है।
आलू के पौष्टिक तत्वों का लाभ लेने के लिए इसे हमेशा छिलके समेत खाना  चाहिए क्योंकि आलू का सबसे अधिक पौष्टिक भाग छिलके के एकदम नीचे होता है, जो प्रोटीन और खनिज से भरपूर होता है। आलू को उबाला, भूना या अन्य सब्जियों के साथ पकाया जाता है, इसलिए इसके पौष्टिक तत्व आसानी से हजम हो जाते हैं। शरीर उन्हें दो से तीन घंटों में आसानी से सोख लेता है। आलू का रस निकालने के लिए जूसर का प्रयोग किया जा सकता है, या फिर उसे कुचलकर या कूट-पीसकर उसका रस कपड़े में से छाना जा सकता है।
उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएँ तो रक्तचाप को सामान्य बनाने में लाभ करता है।
कच्चा आलू पत्थर पर घिसकर सुबह-शाम काजल की तरह लगाने से से 6 वर्ष पुराना जाला और 4 वर्ष तक का फूला 3 महीने में साफ हो जाता है।
यह आँतों की सूजन और ड्योडेनल अल्सर से भी आराम दिलाता है। पेट और आँतों के रोगों तथा विषाक्तता के मामलों में आलू के स्टार्च का इस्तेमाल एंटीइंफ्लेमेट्री (सूजन दूर करने वाले) पदार्थ के रूप में किया जाता है। कच्चे आलू का रस त्वचा पर दाग-धब्बे दूर करनेमें उपयोगी सिद्ध हुआ है। आलू में मौजूद पोटेशियम सल्फर, फास्फोरस और कैल्शियम की मात्रा त्वचा की सफाई में मदद करती है।
आलू के छिलके कमाल के होते हैं, यकीन मानिए। दुनिया भर आलू एक प्रचलित कंद है और इसका इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता है लेकिन दुर्भाग्यवश जानकारी के अभाव में हम इसके छिलकों को फेंक देते हैं। आप जब इसके औषधीय गुणों को जानेंगे तो सिवाय दांतों में ऊंगली दबाने के कुछ ना कर पाएंगे। आपको आश्चर्य होगा कि आलू के छिलकों में आलू के अंदर के हिस्से से ज्यादा महत्वपूर्ण रसायन पाए जाते हैं। आंखों के नीचे बैग (एक प्रकार की सूजन) बने हों, या चेहरे
चेहरे पर दाग- धब्बे हों या मुहांसे हो..कुछ ना करें सिर्फ आलू के छिलकों के अंदरूनी हिस्से को चेहरे पर लगाए और हल्का हल्का दबाते हुएं रगडें, 15 दिन में फर्क बताएं,.. और तो और इन छिल्कों को ग्राईंड करें, रुई डुबोकर चेहरे पर लगाएं और फिर 15 दिनों में चेहरे की रंगत ना बदले तो बताएं..देसी ज्ञान है ....., असर दिखाकर दम लेगा..आज से आलू के छिलके फेंकना बंद..ध्यान रहें, छिलकों के इस्तेमाल से पहले आलू को साफ पानी से खूब अच्छी तरह से धो जरूर लें...

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