Sunday, May 8, 2016

दाद और खुजली का घरेलु उपचार।

दाद और खुजली का घरेलु उपचार।
(Ring worm and eczema home remedy)
दाद एक फंगल इन्फेक्शन है जो सर, पैर, गर्दन या किसी अंदरुनी भाग मे कहीं भी हो सकता है । ये लाल या हलके ब्राउन रंग का गोल आकार का होता है। ये इंसान , जानवर किसी से भी फेल सकता है। लेकिन डरें नहीं ये आसानी से ठीक भी हो जाता है। ये किसी कीड़े से नहीं होता ये तो एक फंगल इन्फेक्शन है। अगर आपको ये इन्फेक्शन है तो आप अपने शरीर के किसी भी हिस्से पर लाल गोल निशान देख सकते हैं। ये बहुत तेज़ी से फेलता है जिस जगह पर हुआ है उसके आस पास की जगह पर भी फैलने लगता है। इसका इन्फेक्शन ज्यादा बढ़ने पर आप शरीर पर उभार और फुंसियाँ भी देख सकते हैं।

अगर आपको शरीर पर लाल धब्बे दीखते हैं और खुजली होती है तो सावधान हो जाइए ये दाद है अगर ये आपके नाख़ून पर हुआ तो आपका नाख़ून जड़ से निकल सकता है बालों की जड़ो मे हुआ तो आपके बाल उस जगह से झड़ सकते हैं।

* टमाटर खट्टा होता है। इसकी खटाई खून को साफ करती है। नींबू में इसी तरह के गुण होते हैं। रक्तशोधन (खून साफ करना) के लिए टमाटर को अकेले ही खाना चाहिए। रक्तदोष (खून की खराबी) से त्वचा पर जब लाल चकत्ते उठे हों, मुंह की हडि्डयां सूज गई हो, दांतों से खून निकल रहा हो, दाद या बेरी-बेरी रोग हो तो टमाटर का रस दिन में 3-4 बार पीने से लाभ होता है। कुछ सप्ताह तक रोजाना टमाटर का रस पीने से चर्मरोग (त्वचा के रोग) ठीक हो जाते हैं।

* अंजीर का दूध लगाने से दाद मिट जाते हैं।

* पके केले के गूदे में नींबू का रस मिलाकर लगाने से दाद, खाज, खुजली और छाजन आदि रोगों में लाभ होता है।

* दाद, खाज और खुजली में मूंगफली का असली तेल लगाने से आराम आता है।

* 1 कप गाजर का रस रोजाना पीने से त्वचा के रोग ठीक हो जाते हैं।

* त्वचा के किसी भी तरह के रोगों में मूली के पत्तों का रस लगाने से लाभ होता है।

* नीम्बू के रस में इमली के बीज पीसकर लगाने से दाद में लाभ होता हैं।

* शरीर की त्वचा पर कहीं भी चकत्ते हो तो उस पर नींबू के टुकड़े काटकर फिटकरी भरकर रगड़ने से चकत्ते हल्के पड़ जाते हैं और त्वचा निखर उठती है।

* लहसुन में प्राकृतिक रूप से एंटी फंगल तत्व होते हैं। जो की कई तरीके के फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने में सहायक है। जिसमे से दाद भी एक है। लहसुन को छिल कर उसके छोटे छोटे टुकड़े कर दाद पर रख दीजिये जल्दी आराम मिलेगा।

* नारियल का तेल दाद को ठीक करने में बहुत उपयोगी है। ख़ास कर जब आपके सर की जड़ो में इन्फेक्शन हुआ हो तो ये एक बहुत बेहतरीन तरीका है।

* छोटे छोटे राई के दाने दाद को ठीक करने में सहायक है। राई को 30 मिनट तक पानी में भिगो कर रख दें। फिर उसका पेस्ट बनाकर दाद की जगह पर लगा लें।

* एलो वेरा का अर्क हर तरह के फंगल इन्फेक्शन को ठीक कर देता हैं । इसे तोड़कर सीधे दाद पर लगा लीजिये ठंडक मिलेगी। हो सके तो रात भर लगा कर रखें । एलो वेरा का नियमित सेवन करने और प्रभावित स्थान पर लगाने से दाद और खुजली में बहुत आराम मिलता हैं।

* नीम के पत्तों को पानी में उबालकर स्नान करना चाहिये।

* काले चनों को पानी में पीस कर दाद पर लगायें। दाद में आराम आएगा।

* शरीर के जिन स्थानों पर दाद हों, वहां बड़ी हरड़ को सिरके में घिसकर लगाएं।

* छिलकेवाली मूंग की दाल को पीसकर इसका लेप दाद पर लगाएं।

* दाद होने पर हींग को पानी में घिस कर नियमित प्रभावित स्थान पर लगाये। इस से दाद में आशातीत आराम मिलता हैं।

* नौसादर को नींबू के रस में पीसकर दाद में कुछ दिनों तक लगाने से दाद दूर हो जाता है।

* नाइलान व सिंथेटिक वस्त्रों की जगह सूती वस्त्रों का प्रयोग करें तथा अधोवस्त्र को हमेशा साफ सुथरा रखें।
खुजली :
खुजली एक विशेष प्रकार के सूक्ष्म परजीवी के त्वचा पर चिपक कर खून चूसने से उस जगह पर छाले व फुंसियां निकल आती है। इससे अत्यधिक खुजली पैदा होती है। खुजली एक ऐसा चर्म रोग है जो आनंद देता है खुजाने में। जब तब त्वचा जलने न लगे तब तक खुजलाहट शांत नहीं होती। इस रोग में सबसे अधिक शरीर की सफाई पर ध्यान देना चाहिये। चूंकि यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक शीघ्र पहुंचाता है इसलिय संक्रमित के कपड़े अलग रखकर उनकी गरम पानी से धुलाई करनी चाहिये।
इसके उपचार हैं।

* आंवले की गुठली जलाकर उसकी भस्म में नारियल का तेल मिलाकर मलहम बनायें और खुजली वाले स्थान पर लगाने से खुजली दूर होती है।

* नीम की पत्तियों को गरम पानी में उबालकर खुजली वाले स्थान पर लगायें।

* काली मिर्च एवं गंधक को घी में मिलाकर शरीर पर लगाने से खुजली दूर होती है।

* टमाटर का रस एक चम्मच, नारियल का तेल दो चम्मच मिलाकर मालिश करें और उसके आधे घंटे बाद स्नान करें। खुजली में राहत मिलेगी।

* स्वमूत्र चिकित्सा से भी इसका लाभप्रद इलाज होता है। छ: दिन का पुराना स्वमूत्र दाद खुजली पर लगाने से औ
खुजली की आयुर्वेदिक चिकित्सा
खुजली की समस्या होने पर कैस्टर ऑयल की मदद लें।
खुजली ज्यादा होने का अर्थ किसी संक्रमण का संकेत हो सकते हैं।
खुजली के कई कारण हो सकते हैं जिसमें त्वचा का रूखा होना भी है।
सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस का सेवन से खुजली कम होती है।
जब त्वचा की सतह पर जलन का एहसास होता है और त्वचा को खरोंचने का मन करता है तो उस बोध को खुजली कहते हैं। खुजली के कई कारण होते हैं जैसे कि तनाव और चिंता, शुष्क त्वचा, अधिक समय तक धूप में रहना, औषधि की विपरीत प्रतिक्रिया, मच्छर या किसी और जंतु का दंश, फंफुदीय संक्रमण, अवैध यौन संबंध के कारण, संक्रमित रोग की वजह से, या त्वचा पर फुंसियाँ, सिर या शरीर के अन्य हिस्सों में जुओं की मौजूदगी इत्यादि से।
खुजली के लिए आयुर्वेदिक उपचार
खुजली वाली जगह पर चन्दन का तेल लगाने से काफी राहत मिलती है।
दशांग लेप, जो आयुर्वेद की 10 जड़ी बूटियों से तैयार किया गया है, खुजली से काफी हद तक आराम दिलाता है।
नीम का तेल, या नीम के पत्तों की लेई से भी खुजली से छुटकारा मिलता है।
गंधक खुजली को ठीक करने के लिए बहुत ही बढ़िया उपचार माना जाता है।
नीम के पाउडर का सेवन करने से त्वचा के संक्रमण और खुजली से आराम मिलता है।
सुबह खाली पेट एलोवेरा जूस का सेवन करने से भी खुजली से छुटकारा मिलता है।
नींबू का रस बराबर मात्रा में अलसी के तेल के साथ मिलाकर खुजली वाली जगह पर मलने से हर तरह की खुजली से छुटकारा मिलता है।
नारियल के ताज़े रस और टमाटर का मिश्रण खुजली वाली जगह पर लगाने से भी खुजली दूर हो जाती है।
शुष्क त्वचा के कारण होनेवाली खुजली को दूध की क्रीम लगाने से कम किया जा सकता है।
25 ग्राम आम के पेड़ की छाल, और 25 ग्राम बबूल के पेड़ की छाल को एक लीटर पानी में उबाल लें, और इस पानी से ग्रसित जगह पर भाप लें। जब यह प्रक्रिया हो जाए तो ग्रसित जगह पर घी थपथपाकर लगायें। खुजली गायब हो जाएगी।
करेले की जड़ का रस ग्रसित जगह पर लगाने से भी खुजली कम होती है।
अगर खुजली पूरे शरीर में फैल रही है तो 3 या 4 दिनों तक पीसी हुई अरहर की दाल दही में मिश्रित करके पूरे शरीर पर लगायें। इससे खुजली फैलने से रुक जायेगी और जल्द ही गायब भी हो जायेगी।
बबूल के पेड़ की छाल से एक्ज़िमा के कारण हो रही खुजली नियंत्रण में आती है।
मौसमी घमौरियां और चुभने वाली गरमी पित्त व्यवस्था के कारण होती है। इनका इलाज छोटे डोज़ में प्रवाल पिश्ती के सेवन से किया जा सकता है।
चन्दन और काली मिर्च को पीसकर एक महीन लेई बना लें, और उसे घी के साथ मिश्रित कर लें। एक खुरदुरे कपडे से इस मिश्रण को खुजली वाली जगह पर लगा लें, और उसके बाद उस खुजली वाली जगह को सूर्य की रोशनी लगने दें। खुजली से राहत दिलाने के लिए यह बहुत ही तेज़ तरीका है, पर यह अस्थायी तौर से ही राहत दिलाता है।
पलाश के बीज रिंगवर्म, स्कैबिस, और एक्ज़िमा से होनेवाली खुजली को नियंत्रण में रखते हैं।इन बीजों को पीसकर, नींबू के रस के साथ मिश्रित करके खुजली वाली जगह पर लगाने से लाभ मिलता है।
दालचीनी के पत्ते त्वचा के हर रोग के उपचार के लिए उपयोगी माने जाते हैं। रिंग वर्म से हो रही खुजली की चिकित्सा के लिए इसका रस या लेई ग्रसित जगह पर लगाने से लाभ मिलता है।
खुजली वाली त्वचा पर नारियल तेल अथवा अरंडी का तेल लगाने से बहुत फायदा मिलता है।
खुजली की अन्य अन्य आयुर्वेदिक औषधियां हैं आयोडाईज़द सालसा, ब्लड प्यूरीफायर, रक्तशोधक वटी, इत्यादि।

खाज खुजली एक त्वचा रोग है जो कि सरकाप्टस नामक परजीवी के कारण होती है। ये 3.0 मिली मीटर सूक्ष्म कीट होते है जिन्हें घुन कहा जाता है। मादा परजीवी संक्रमण के 2-3 घंटे के भीतर त्वचा के नीचे बिल बनाता है और 2-3 अंडे रोज देता है। 10 दिनों के अंदर अंडे से बच्चे निकलते है और वयस्क कीट बन जाते है. खुजली एक संक्रामक रोग है जोकि एक अपेक्षाकृत छोटे घुन (सरकाप्टस स्क्बी) के द्वारा संक्रमण के कारण होती है। खाज-खुजली में नमक का सेवन हानिकारक है। इसमें फलाहार और शाकाहार लाभदायक है। फलाहार, शाकाहार से रक्त में क्षार तत्व बढ़ जाता है। अगर आप भी खाज-खुजली से परेशान हैं तो नीचे लिखे घरेलू उपाय अपनाएं।

नींबू- नींबू चूसें और नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर मालिश करें। खुजली में बहुत लाभ होगा।

चमेली का तेल- इसमें नींबू का रस समान मात्रा में मिलाकर मालिश करने से सूखी खुजली में बहुत लाभ होता है।

हरड़- पिसी हुई हरड़ दो चम्मच दो गिलास पानी में उबाल कर छान लें। इसके गर्म पानी से जहां खुजली चलती हो, धोएं रूमाल भिगोकर पोंछे। इससे खुजली चलना बंद हो जाती है।

गेहूं- गेहूं के आटे का लेप करने से चर्म रोग, चर्मदाह, खुजली में लाभ होगा।

चना- चने के आटे की रोटी बिना नमक डाले 64 दिन तक खाने से दाद व खुजली दूर हो जाती है।

दूध- दूध में पानी मिलाकर रूई के फोहे से शरीर पर मलें। थोड़ी देर बाद स्नान कर लें।

जीरा- जीरे को पानी में उबालकर उस पानी से नहाने से बदन की खुजली और पित्ती मिट जाती है।

नीम- इसके सेवन से रक्त साफ होता है। सुबह 25 ग्राम नीम के पानी का रस लेना लाभदायक है।

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