Sunday, May 22, 2016

ब्रैस्ट को टाइट करने के रामबाण इलाज

nजिस प्रकार छोटे स्तन एक समस्या है, उसी प्रकार बढे हुए ढीले स्तन भी एक समस्या है, ढीले स्तन पूरी फिगर को खराब कर देते हैं. ऐसे में ये उपाय रामबाण हैं. एक बार इनको ज़रूर अजमाए.

1. कटेरी:
छोटी कटेरी -बड़ी कटेरी की जड़े, फदूंरी की जड़, अनार का बकला (छाल) और मौलश्री की छाल को पीसकर स्तनों (कुचों) पर लेप करने से कुच कठोर हो जाते हैं।

2. बरगद:
बरगद की नई कोमल बरोहें को लाल-लाल पानी में पीसकर स्तनों पर लेप करने से कुच कठोर हो जाते हैं।

3. अनार:
अनार की छाल (बकले) लगभग 1 किलो और माजूफल 125 ग्राम को लगभग 2 लीटर पानी में डालकर पकायें जब पानी आधा बच जाये तब इसे छानकर रख लें, फिर इसी में 125 मिलीलीटर तिल्ली का तेल डालकर पकाकर आधा करके स्तनों पर लेप करने से स्तन कठोर होते हैं।

4. गिजाई:
गिजाई, नमक और मुल्तानी मिट्टी को मिलाकर डालकर रख दें, फिर इसी मिट्टी को कुचों (स्तनों) के ऊपर से लेप करने से स्तन कठोर होते हैं।

5. मोचरस:
मोचरस को पानी में मिलाकर कुचों (स्तनों) पर लगाने से कुच सख्त होते जाते हैं।

6. धतूरा:
धतूरे के पत्तों पर एरण्ड का तेल गर्म-गर्म करके स्तनों के दर्द वाले भाग पर बांधने से दर्द कम होता है और स्तन कठोर हो जाते हैं।

7. लहसुन:
स्तनों का ढीलापन दूर करने के लिए नियमित रूप से लहसुन की 4 कली खाते रहने से स्तन उभरकर तन जाते हैं।

8. छुई-मुई:
छुई-मुई और असगंधा की जड़ को पीसकर लेप बना लें और स्तनों पर लगायें। इससे स्तनों का ढीलापन खत्म होकर कठोर और मोटे होते हैं।

9. बबूल:
बबूल की फलियों के चेंप से किसी कपड़े को गीला करके, सुखा लें। इस कपड़े को बांधने से ढीले स्तन कठोर हो जाते हैं।

सावधानी: ध्यान रहें कि इसका प्रयोग बच्चे वाली माता को नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे दूध के सूखने का डर रहता है।

जानिये कैसे वक्षस्थल (स्तनों) को दें सही आकार
स्त्री की सौंदर्यता को बनाये रखने में उनके स्तन की अपनी विशेष भूमिका मानी जाती है क्योंकि स्तन मण्डल (वक्षस्थल) यदि ढीले और कमजोर होते हैं, तो उसकी शरीर सौंदर्यता कम होती है इसी प्रकार यदि स्तन आकर्षक, पुष्ट और प्राकृतिक रूप से सुडौल होते हैं तो वह नारी की सौंदर्यता को और अधिक निखार देते हैं।

आयुर्वेदिक उपचार :
अरंडी के पत्ते, घीग्वार (ग्वारपाठा) की जड़, इन्द्रायन की जड़, गोरखमुंडी एक छोटी कटोरी, सब 50-50 ग्राम। पीपल वृक्ष की अन्तरछाल, केले का पंचांग (फूल, पत्ते, तना, फल व जड़) , सहिजन के पत्ते, अनार की जड़ और अनार के छिलके, खम्भारी की अन्तरछाल, कूठ और कनेर की जड़, सब 10-10 ग्राम। सरसों व तिल का तेल 250-250 मिलीग्राम तथा शुद्ध कपूर 15 ग्राम। यह सभी आयुर्वेद औषधि की दुकान पर मिल जाएगा।

निर्माण विधि :
सब द्रव्यों को मोटा-मोटा कूट-पीसकर 5 लीटर पानी में डालकर उबालें। जब पानी सवा लीटर बचे तब उतार लें। इसमें सरसों व तिल का तेल डालकर फिर से आग पर रखकर उबालें। जब पानी जल जाए और सिर्फ तेल बचे, तब उतारकर ठंडा कर लें, इसमें शुद्ध कपूर मिलाकर अच्छी तरह मिला लें। बस दवा तैयार है। असामान्य व अविकसित स्तन

प्रयोग विधि :
इस तेल को नहाने से आधा घंटा पूर्व और रात को सोते समय स्तनों पर लगाकर हलके-हलके मालिश करें।
लाभ : इस तेल के नियमित प्रयोग से 2-3 माह में स्तनों का उचित विकास हो जाता है और वे पुष्ट और सुडौल हो जाते हैं। ऐसी युवतियों को तंग चोली नहीं पहननी चाहिए और सोते समय चोली पहनकर नहीं सोना चाहिए। इस तेल का प्रयोग लाभ न होने तक करना चाहिए।

अन्य प्रयोग।
1. फिटकरी 20 ग्राम, गैलिक एसिड 30 ग्राम, एसिड आफ लेड 30 ग्राम, तीनों को थोड़े से पानी में घोलकर स्तनों पर लेप करें और एक घंटे बाद शीतल जल से धो डालें। लगातार एक माह तक यदि यह प्रयोग किया गया तो 45 वर्ष की नारी के स्तन भी नवयौवना के स्तनों के समान पुष्ट हो जाएंगे।

2. गम्भारी की छाल 100 ग्राम व अनार के छिलके सुखाकर कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें। दोनों चूर्ण 1-1 चम्मच लेकर जैतून के इतने तेल में मिलाएं कि लेप गाढ़ा बन जाए। इस लेप को स्तनों पर लगाकर अंगुलियों से हलकी-हलकी मालिश करें। आधा घंटे बाद कुनकुने गर्म पानी से धो डालें। जो भी परिणाम मिले, उसकी सूचना कृपया हमें जरूर दें।

3. छोटी कटेरी नामक वनस्पति की जड़ व अनार की जड़ को पानी के साथ घिसकर गाढ़ा लेप करें। इस लेप को स्तनों पर लगाने से कुछ दिनों में स्तनों का ढीलापन दूर हो जाता है।

4. बरगद के पेड़ की जटा के बारीक नरम रेशों को पीसकर स्त्रियां अपने स्तनों पर लेप करें तो स्तनों का ढीलापन दूर होता है और कठोरता आती है।

5. इन्ही के साथ सर्वोत्तम यह भी रहेगा कि रात को सोने से पहले किसी भी तेल की 10 मिनट तक मालिश करें। या तो स्वयं करें या अपने पति से कराएं, मालिश के दिनों में गेप न करें, रेगुलर करें व दो माह बाद चमत्कार देखें। स्तनों की मालिश हमेशा नीचे से ऊपर ही करें।

6. स्तनों की शिथिलता दूर करने के लिए एरण्ड के पत्तों को सिरके में पीसकर स्तनों पर गाढ़ा लेप करने से कुछ ही दिनों में स्तनों का ढीलापन दूर हो जाता है। कुछ व्यायाम भी हैं, जो वक्षस्थल के सौन्दर्य और आकार को बनाए रखते हैं।

4 comments:

  1. Very useful post. Reduce breast size safely and naturally with the help of natural breast reduction supplement.

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  2. Very nice post. Get rid of larger breast issues with the help of natural breast reduction treatment.

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  3. Very useful home remedies. You can also consider taking natural breast reduction treatment.

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  4. very useful tips. Apart from it you can use natural breast reduction supplement. It will deliver smaller and perkier breasts and does not cause any side effect.

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