Tuesday, June 28, 2016

वैरिकोज वेन्स varicose veins का उपचार

क्‍या है वैरिकोज वेन्स ::
पैर की नसों में मौजूद वाल्‍व, पैरों से रक्त नीचे से ऊपर हृदय की ओर ले जाने में मदद करते है। लेकिन इन वॉल्‍व के खराब होने पर रक्त ऊपर की ओर सही तरीके से नहीं चढ़ पाता और पैरों में ही जमा होता जाता है। इससे पैरों की नसें कमजोर होकर फैलने लगती हैं या फिर मुड़ जाती हैं, इसे वैरिकोज वेन्‍स की समस्‍या कहते हैं। इससे पैरों में दर्द, सूजन, बेचैनी, खुजली, भारीपन, थकान या छाले जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। आइये जाने इस के आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे।

1.सेब साइडर सिरका :-
सेब साइडर सिरका वैरिकोज वेन्‍स के लिए एक अद्भुत उपचार है। यह शरीर की सफाई करने वाला प्राकृतिक उत्‍पाद है और रक्त प्रवाह और रक्‍त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है। समस्‍या होने पर सेब साइडर सिरके को लगाकर उस हिस्‍से की मालिश करें। इस उपाय को नियमित रूप से रात को बिस्‍तर पर जाने से पहले और अगले सुबह फिर से करें। कुछ दिन ऐसा करने से कुछ ही महीनों में वैरिकोज वेन्‍स का आकार कम होने लगता है। या फिर एक गिलास पानी में दो चम्‍मच सेब साइडर सिरके को मिलाकर पीये। अच्‍छे परिणाम पाने के लिए इस मिश्रण का एक महीने में दिन में दो बार सेवन करें।

2. लाल शिमला मिर्च :-
लाल शिमला मिर्च को वैरिकोज वेन्‍स के इलाज लिए एक चमत्‍कार की तरह माना जाता है। विटामिन सी और बायोफ्लेवोनॉयड्स का समृद्ध स्रोत होने के कारण यह रक्त परिसंचरण को बढ़ाने और संकुलित और सूजी हुई नसों के दर्द को आसान बनाता है। गर्म पानी में एक चम्‍मच लाल शिमला मिर्च के पाउडर को मिलाकर, इस मिश्रण का एक से दो महीने के लिए दिन में तीन बार सेवन करें।

3. जैतून का तेल : –
जैतून के तेल और विटामिन ई तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर उसे थोड़ा सा गर्म कर लें। इस गर्म तेल से नसों की मालिश कई मिनट तक एक से दो महीने के लिए करें।

4. लहसुन :-
छह लहसुन की कली लेकर उसे एक साफ जार में डाल लें। तीन संतरे का रस लेकर उसे जार में मिलाये। फिर इसमें जैतून के तेल मिलायें। इस मिश्रण को 12 घंटे के लिए रख दें। फिर इस मिश्रण से कुछ बूंदों को हाथों पर लेकर 15 मिनट के लिए सूजन वाली नसों पर मालिश करें। इस पर सूती कपड़ा लपेट कर रातभर के लिए छोड़ दें। इस उपाय को कुछ महीनों के लिए नियमित रूप से करे |

5. बुचर ब्रूम :-
बुचर ब्रूम वैरिकोज वेन्‍स की असुविधा से राहत देने में बहुत ही उपयोगी होता है। इस जड़ी बूटी में रुसोगेनिन्स नामक गुण सूजन को कम करने में मदद करता है और एंटी-इफ्लेमेंटरी और एंटी-इलास्‍टेज गुण नसों की बाधा को कम करता है। यह पोषक तत्‍वों को मजबूत बनाने और नसों की सूजन को कम करने के साथ ही पैरों के रक्‍त प्रवाह में सुधार करने में मदद करते हैं। लेकिन उच्‍च रक्तचाप वाले लोग इस जड़ी-बूटी के सेवन से पहले चिकित्‍सक से परामर्श अवश्‍य ले लें।

6. अखरोट : –
अखरोट के तेल में एक साफ कपड़े को डूबाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाये। ऐसा एक या दो महीने के लिए दिन में दो से तीन बार करें।

7.अजमोद :- (अजवायन)
एक मुठ्ठी ताजा अजमोद की एक मुठ्ठी लेकर उसे एक कप पानी में पांच मिनट के लिए उबाल लें। फिर इसे मिश्रण को ठंडा होने के लिए रख दें। फिर इस मिश्रण में गुलाब और गेंदे की तेल की एक-एक बूंद मिला लें। अब इस मिश्रण को कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें। इस मिश्रण को कॉटन पर लगाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगायें। अच्‍छे परिणाम पाने के लिए इस उपाय को कुछ महीनों तक करें।

7. अर्जुन की छाल : –
अर्जुन की छाल वेरीकोस वेन्स के लिए बहुत बढ़िया दवा हैं, अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो आप रात को सोते समय गाय के दूध में या साधारण पानी में अर्जुन की चाल को चाय की तरह उबाले और आधा रहने पर इसको छान कर पी ले।

ये सब प्रयोग आपको एक दिन में आराम नहीं देंगे, मगर 4 से 6 महीने में चमत्कारिक परिणाम मिलेंगे।

वेरीकोस वेन्स में महत्वपूर्ण.
अगर शारीर में रक्त परिसंचरण सही रूप से हो तो यह अनेक समस्याएँ उत्पन्न नहीं होती, इसके लिए हर रोज़ सुबह शौच जाने के बाद 10 मिनट आँखे बंद करके शीर्षासन या सर्वांगासन करें… समस्या चाहे जितनी भी भयंकर हो उसमे आराम आएगा.

वैरिकाज़ वेनस और ब्लड क्लॉटिंग के लिए रामबाण नुस्खे
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वैरिकाज़ वेनस ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनो को प्रभावित करती हैं। इस समस्या में प्रभावित अंग की वेन्स में ब्लड वापिस नहीं जा पाता, जिस कारण ये वहीँ नसों में रह कर उस अंग को प्रभावित करता है, ये अवस्था वेरीकोस वेन्स कहलाती है। और यह किसी को भी हो सकती है, यह कई अलग अलग कारणों की वजह से हो सकती है। यह समस्या आमतौर पर हमारे पैर और टखने में होती है। वैरिकाज़ वेनस क्षतिग्रस्त वाल्व और नसों, अधिक वजन, व्यायाम, चोट, रक्त के थक्के, गर्भावस्था की कमी के कारण या आप एक लंबे समय के लिए खड़े या बैठते हैं, ऐसी किसी भी समस्या के रूप में हो सकती हैं।

वेरीकोस वेन्स अपने तक पहुंचा हुआ खून अपने कमज़ोर वाल्व और रक्त के थक्को के कारण हृदय तक वापिस पहुँचाने में असमर्थ होती हैं। यह रक्त इन नसों में जमा हो जाता है। यही कारण है कि समय पर इस स्वास्थ्य समस्या का इलाज ना कराया जाए तो ये भयंकर रूप ले सकता है। क्योंकि अगर आप भी लंबे समय के लिए प्रतीक्षा करेंगे तो आप इसका इलाज करने में सक्षम नहीं हो सकेंगे। जैसे ही आपको ऐसा कुछ भी प्रतीत हो आप इस पर ध्यान दीजिये।

सबसे पहले, आपको पता होना चाहिए कि आपको हर दिन व्यायाम करने की जरूरत है, आपको हर समय बैठे या खड़े नहीं होना चाहिए। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है – आपको इसका घर का प्राकृतिक उपचार की कोशिश करनी चाहिए।

1. मालिश।
वेरीकोस वेन्स में मालिश बहुत बड़ा रोल निभाती है, रोग ग्रसित भाग पर नियमित रूप से सुबह शाम सरसों, तिल या नारियल के तेल से मालिश करनी चाहिए।

2. शीर्षासन या सर्वांगासन।
हमारे शरीर में रक्त परिसंचरण का बहुत महत्त्व है, अगर हमारा ब्लड सर्कुलेशन सही हो रहा हो तो 99 % रोग उत्पन्न ही नहीं होंगे। शीर्षासन या सर्वांगासन ऐसे आसान हैं जिनको आसनो का राजा कहा जाता है। ये सम्पूर्ण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सही करते हैं जिस से रक्त वहिकाहों के वाल्वस फिर से एक्टिवेट हो कर अपना कार्य सुचारू ढंग से करना शुरू करते हैं।

3. भेड़ के दूध का प्रयोग।
यह चमत्कारी उपाय वास्तव में अद्भुत है। आप परिणाम से चकित हो जायेंगे। यह उपाय बहुत ही सरल और आसान है, सिर्फ साधारण निर्देशों का पालन करें।

भेड़ का दूध – 1 गिलास
बच्चो के नहाने का साबुन – 1
सबसे पहले, आप दूध में बच्चो के साबुन को पीस ले और इस मिश्रण को एक प्लास्टिक कंटेनर में डालकर फ्रिज में स्टोर कर ले। प्रभावित क्षेत्रों पर इस मिश्रण को ऊपर और नीचे की तरफ रगड़ना चाहिए प्रति दिन 3 बार। आप परिणाम से चकित हो जाएगा।

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