Monday, July 4, 2016

पीलिया कैसा भी और कितना भी पुराना हो 3-4 दिन में बिल्कुल सही

पीलिया लीवर से सम्बंधित रोग है, इस रोग में रोगी की आँखे पीली पड़ जाती हैं, पेशाब का रंग पीला हो जाता है, अधिक तीव्रता होने पर पेशाब का रंग और भी खराब हो जाता है, पीलिया दिखने में बहुत साधारण सी बीमारी लगती है, मगर इसका सही समय पर इलाज ना हो तो ये बहुत भयंकर परिणाम दे सकती है, रोगी की जान तक जा सकती है इसमें. आज हम आपको इस जानलेवा बीमारी का एक ऐसा रामबाण उपचार बता रहे हैं जो आपकी बरसों से चलती आ रही इस बीमारी को भी ज्यादा से ज्यादा 3-४ दिन में बिलकुल सही कर देगी. ये उपचार पीलिया चाहे वो हेपेटाइटिस ऐ बी या सी हो या फिर बिलरुबिन या ESR भी बढ़ा हुआ हो तो भी ये बहुत कारगर है. तो आइये जाने.

पीलिया हेपेटाइटिस ऐ बी या सी का काल हरा नारियल.
रोगी को दिन में कम से कम 2 हरे नारियल का पानी पिलायें, नारियल तुरंत खोल कर तुरंत ही पानी पिलाना है, इसको ज्यादा देर तक रखना नहीं है. एक दिन के बाद ही पेशाब का कलर बदलना शुरू हो जायेगा. ऐसा निरंतर ४-५ दिन करने के बाद आप बिलकुल स्वस्थ अनुभव करेंगे. ऐसे में रोगी को जो भी इंग्लिश दवा दी जा रही हो उसको एक बार बंद कर दी जाए.. और अगर रोगी कि हालत बहुत सीरियस हो तो उसको इसके साथ में ग्लूकोस दिया जा सकता है. और बाकी पूरा दिन सिर्फ नारियल पानी पर ही रखें. ये प्रयोग अनेक लोगों पर पूर्ण रूप से सफल रहा है. लीवर में होने वाले किसी भी रोग के लिए भी इस प्रयोग को निसंकोच अपनाया जा सकता है.

पीलिया (jaundice) के लिए अनेक सफल रामबाण घरेलु उपचार।
पीलिया एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है । यह बीमारी मनुष्य के लिए कभी – कभी जानलेवा भी हो जाती है । इस बीमारी में मनुष्य का खून पीला पड़ने लगता है । और शरीर कमजोर हो जाता है । इस बीमारी का मुख्य कारण पाचन शक्ति का सही ढंग से काम न करना । मनुष्य की पाचन शक्ति ख़राब होने के कारण खून बनना बंद हो जाता है और उनके शरीर का रंग धीरे – धीरे पीला पड़ने लगता है । इसी को हम पीलिया कहते है । पीलिया की बीमारी होने पर रोगी को समय रहते ही इसका उपचार करना चाहिए । नही तो ये जानलेवा बन जाती है । पीलिया जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए घर में रखी वस्तुओं से इस बीमारी को जड़ से ख़त्म किया जा सकता है ।

इसका उपचार इस प्रकार है ।
प्याज़
पीलिया की बीमारी में प्याज़ का बहुत ही महत्व है । सबसे पहले एक प्याज़ को छीलकर इसके पतले – पतले हिस्से करके इसमें नींबू का रस निचोड़े तथा इसके बाद इसमें पीसी हुई थोड़ी सी काली मिर्च और काला नमक डालकर प्रतिदिन सुबह – शाम इसका सेवन करने से पीलिया की बीमारी १५ से २० दिन में ख़त्म हो जाती है ।

चने की दाल
रात्रि को सोने से पहले चने की दाल को भिगोकर रख दे । प्रातकाल उठकर भीगी हुई दाल का पानी निकालकर उसमे थोड़ा सा गुड डालकर मिलाये । और इसको कम से कम एक से दो सप्ताह तक खाने से पीलिया की बीमारी ठीक हो जाती है । पीलिया की बीमारी को ठीक करने के लिए और भी अनेक उपाए है ।

सौंठ
सौंठ से भी पीलिया के रोग को ठीक किया जा सकता है ।
उपचार (सामग्री ) :- पिसी हुई सौंठ – १० ग्राम, गुड – १० ग्राम
प्रयोग विधि :-
ऊपर बताई गई दोनों साम्रगी को अच्छी तरह से मिलाकर प्रातकाल ठन्डे पानी के साथ खाने से १० से १५ दिन में पीलिया की बीमारी से छुटकारा मिल जाता है ।

पीपल
पीपल एक प्रकार की जड़ है जो दिखने में काले रंग की होती है । यह जड़ पंसारी की दुकानों पर आसानी से पाई जाती है । इस जड़ के तीन नग लेकर बारीक़ पीसकर पानी में पुरे एक दिन तक भिगोकर रखे या फुलाए । फुलाने के बाद बचे हुए पानी को बाहर निकालकर फेक दे । तथा फुले हुए नग में नींबू का रस , काली मिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर रोजाना खाने से पीलिया एक सप्ताह में ही ठीक हो जायेगा । इसी तरह हर दिन नगो की संख्या एक – एक करके बढ़ाते जाये और ऊपर बताई गई विधि के अनुसार इसका सेवन करते रहे । जब नगो की संख्या दस हो जाये तब इसका प्रयोग बंद कर दे । बताया गया उपचार का उपयोग करने से पीलिया की बीमारी तो ठीक हो जाती है बल्कि पेट से जुडी सभी बीमारियाँ जैसे :- पुराना कब्ज , यरक़ान, पुराना बुखार इत्यादि रोगों से छुटकारा मिल जाता है ।

बादाम
सामग्री : बादाम की गिरी – १०, छोटी इलायची के बीज – ५ के, छुहारे – २ नग

इन सभी सामग्री को मिलाकर किसी भी मिट्टी के बर्तन में डालकर रात्रि को सोने से पहले भिगो दे । और प्रातकाल उठकर इन सभी भीगी हुई सामग्री में ७५ ग्राम मिश्री मिलाकर इनको बारीक़ पीसकर इसमें ५० ग्राम ताजा मक्खन मिलाये और इसे एक मिश्रण की तरह तैयर करके रोगी को लगातार कम से कम दो सप्ताह तक सेवन करने से पीलिया की बीमारी ठीक हो जाती है । साथ ही पेट में बनी गर्मी भी दूर हो जाती है ।

नोट :- इस औषधी का उपयोग करते समय किसी गर्म पदार्थों को नही खाना चाहिए ।

लहसुन
पीलिया की बीमारी में लहसुन भी फायदेमंद होता है । इसलिए कम से कम 4 लहसुन ले और इन्हे छीलकर किसी वस्तु से पीसकर इसमें २०० ग्राम दूध मिलाये । और रोगी को इसका रोजाना सेवन करने से पीलिया की बीमारी जड़ से ख़त्म हो जाती है । तथा पीलिया की बीमारी का उपकार इमली से भी किया जा सकता है ।

इमली
इमली खाने के अनुसार रात्रि को सोने से पूर्व भिगोकर रख दे । प्रातकाल उठकर भीगी हुई इमली को मसलकर इसके छिलके उतार कर अलग रख दे । तथा इमली का बचे हुए पानी में काली मिर्च और काला नमक मिलाकर दो सप्ताह तक पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है ।

शहद और आँवले का रस
एक चम्मच शहद में 50 ग्राम ताजे हरे आँवले का रस मिलाकर प्रतिदिन सुबह कम से कम तीन सप्ताह तक खाने से पीलिया की बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा ।

सूखे आलू बुखारे
सूखे आलू बुखारे आपको पंसारी से मिल जाएंगे, 4 सूखे आलू बुखारे एक चम्मच इमली और 1 चम्मच मिश्री को एक गिलास पानी के साथ किसी मिटटी के बर्तन में भिगो कर रख दे। सुबह इस मिश्रण को हाथो से मसल ले और अब इस पानी को मलमल के कपडे से छान ले और घूँट घूँट कर पी ले।
ये प्रयोग सुबह शाम करे।

बन्दाल के डोडे
बन्दाल के डोडे (जो पंसारी के यहाँ मिलते हैं) 4 या 5 नग लेकर रात को मिट्टी के सिकोरे या बर्तन में पौन कप पानी में डालकर भिगो दें। सुबह मसलकर उस पानी को छान लें। रोगी को सीधा लिटाकर, गर्दन थोड़ी झुकी रखकर, दो-तीन बूंद रूई से नाक के प्रत्येक नथुने में टपका दें
केवल एक दिन एक बार डालने से नाक-आँख से पीला पानी बहकर, भयंकर पीलिया दो ही दिन में ठीक हो जाता है।

पान, आक का दूध
एक बंगला पान ले इसमें चुना और कत्था लगाये। अब इस पान में आक के दूध की 3-4 बूंदे डाल कर खा ले। ये प्रयोग सुबह सूर्य निकलने से पहले करना हैं। ये प्रयोग ३ दिन करने से पीलिया ठीक हो जाता हैं और यदि पीलिया बहुत ज़्यादा हैं तो ये प्रयोग लगातार 5 दिन तक करना पड़ सकता हैं। आक का दूध निकलते समय सावधानी रखे क्यों की इसका दूध आँखों के लिए बहुत खतरनाक होता हैं। और ये प्रात सुबह सूर्य निकलने से पहले ही दूध निकलना हैं। पीलिया के इलाज के लिए आक के नर पत्ते को लेना चाहिए, आम तौर पर नर पत्ता ही ज़्यादातर मिलता हैं। नर पत्ते में अंग्रेजी के V आकार की नसे होती हैं, और फूल में गोला आम की शकल और बाल होते हैं।

पीलिया में क्या करे परहेज:-
* पीलिया के रोगियों को मैदा, मिठाइयां, तले हुए पदार्थ, अधिक मिर्च मसाले, उड़द की दाल, खोया, मिठाइयां नहीं खाना चाहिए।

* पीलिया के रोगियों को ऐसा भोजन करना चाहिए जो कि आसानी से पच जाए जैसे खिचड़ी, दलिया, फल, सब्जियां आदि। अनार नीम्बू और गन्ने (ईख) का सेवन पीलिया में बहुत हितकारी हैं।

3 comments:

  1. Very useful post. Jaundice natural treatment targets the root cause of the disease rather than disease.

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  2. Cure old jaundice naturally and safely. Consider taking herbal supplement for jaundice. It delivers long term results. It does not cause any side effects.

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